बिहार

जिले के सभी प्रखंड में दस्त रोकथाम अभियान की हुई शुरुआत

पूर्णिया, (न्यूज़ क्राइम 24)  राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के तहत शिशु दस्त नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के सभी प्रखंडों में 23 जुलाई से 22 सितंबर तक दस्त रोकथाम अभियान का संचालन किया जाएगा। बुधवार को समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, कसबा से दस्त रोकथाम अभियान कार्यक्रम की शुरुआत सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया द्वारा उपस्थित लाभार्थियों को ओआरएस पैकेट्स और जिंक की गोलियां वितरित करते हुए किया गया। इस दौरान उपस्थित लाभार्थियों को बच्चों के दस्त रोकथाम के लिए ओआरएस घोल और जिंक गोलियों के उपयोग की जानकारी देते हुए इसका उपयोग करने और विशेष परिस्थिति में स्थानीय एएनएम या नजदीकी अस्पताल से चिकित्सकीय सहायता लेने की जानकारी दी गई। उद्घघाटन कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया के साथ जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी सह नोडल डॉ विनय मोहन, डीसीएम संजय कुमार दिनकर, यूनिसेफ जिला सलाहकार शिवशेखर आनंद, एसएमसी मुकेश गुप्ता, पिरामल फाउंडेशन प्रोग्राम लीड सनत गुहा, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह, बीसीएम उमेश पंडित, बीएचएम अपराजिता भारती, आईसीडीएस सीडीपीओ कुमारी बसंती पासवान, महिला पर्यवेक्षिका, एएनएम, आंगनवाड़ी सेविका सहित सभी लाभार्थी उपस्थित रहे।

0-5 वर्ष के बच्चों को डायरिया से रोकथाम के लिए खिलाई जाएगी दवा :

सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने बताया कि 0 से 05 वर्ष के बच्चों में निर्जलीकरण और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी होने के कारण बच्चों में अत्यधिक दस्त होने लगता है। ज्यादा दस्त होने के कारण बच्चे डायरिया से ग्रसित होने की संभावना रहती है। इसका लक्षण दिखाई देते ही बच्चों को समय से ओआरएस घोल और जिंक गोलियों का सेवन करने से उन्हें डायरिया ग्रसित होने से रोका जा सकता है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 23 जुलाई से 22 सितंबर तक जिले के सभी प्रखंडों में दस्त रोकथाम अभियान चलाया जाएगा जिस दौरान दस्त ग्रसित बच्चों की पहचान करते हुए उनके परिजनों को इसके रोकथाम के लिए ओआरएस पैकेट्स और जिंक की गोली उपलब्ध कराई जाएगी। दस्त की समस्या होने पर बच्चों को दवा सेवन कराने से बच्चों का दस्त नियंत्रण किया जाएगा और बच्चे डायरिया ग्रसित होने से सुरक्षित रह सकेंगे। इसके लिए जिले के सभी प्रखंडों के स्वास्थ्य केंद्रों, उपकेंद्रों के साथ साथ संबंधित प्रखंड के अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा ओआरएस-जिंक कार्नर लगाते हुए दस्त से ग्रसित बच्चों को ओआरएस पैकेट्स और जिंक की गोली उपलब्ध कराई जाएगी। इस दौरान संबंधित बच्चों के परिजनों को इसके उपयोग की जानकारी देते हुए दस्त होने पर इसका उपयोग करने के लिए जागरूक किया जाएगा। इससे बच्चों को डायरिया ग्रसित होने से सुरक्षित किया जाएगा और बच्चे स्वस्थ रह सकेंगे।

जिले में वितरित किया जाएगा 07 लाख 71 हजार ओआरएस पैकेट्स और 08 लाख 30 हजार जिंक की गोली :

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जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ विनय मोहन ने बताया कि दस्त रोकथाम अभियान के लिए जिले के सभी प्रखंडों के स्वास्थ्य केंद्रों के साथ साथ स्वास्थ्य उपकेंद्रों और समुदाय कर्मियों द्वारा लाभार्थियों को ओआरएस पैकेट्स और जिंक की गोलियां उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए जिले में 07 लाख 71 हजार 717 ओआरएस पैकेट्स और 08 लाख 30 लाख 304 जिंक की गोलियां उपलब्ध कराई गई है। दस्त होने पर बच्चों को ओआरएस की घोल पिलाते हुए जिंक की गोली बच्चों को उम्र के अनुसार खिलाये जाने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा परिजनों को जागरुक किया जाएगा। दस्त रोकथाम होने पर भी संबंधित बच्चों को जिंक की गोली अगले 14 दिनों तक उपयोग करने के लिए जागरूक किया जाएगा। ऐसा करने से बच्चे डायरिया ग्रसित होने से सुरक्षित रह सकेंगे और अपना सामान्य जीवनयापन कर सकेंगे।

बच्चों के दस्त ग्रसित होने के लक्षण :


-बच्चे के सुस्त या बेहोश हो जाना।
-पानी जैसा लगातार दस्त का होना।
-बार बार उल्टी होना।
-बच्चों को अत्यधिक प्यास लगना।
-पानी न पी पाना।
-बुखार होना।
-मल में खून का आना।

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