बिहार

मसौढ़ी में दो दर्जन लाभुकों के नाम सूची से काटने की शिकायत

पटना, अजित . पुनपुन के बरावां पंचायत के धनंजय मधु ने प्रखंड विकास पदाधिकारी मानेंद्र कुमार सिंह व आवास सहायक पंकज सिंह पर ग्राम सभा से चयनित व अनुमोदित दो दर्जन आवास योजना के लाभुकों का नाम इंदिरा आवास सूची से सात वर्षों के बाद रिमांड (काट देने) कर देने का आरोप लगाते हुए इसकी लिखित शिकायत ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव से की है. धनंजय मधु का कहना है कि पंचायती राज विभाग से गाड़ी आदेश में स्वीकार किया गया है कि गबन हुआ है तब तो राशि वापस जमा किया गया. इस आदेश में इसकी भी जांच होगी कि किन-किन लोगों ने किस-किस मदद से राशि को फर्जीवाड़ा कर निकाला था और वापस जमा कराया. और बिहार सरकार के पंचायती राज विभाग के इस आदेश के बाद पूरे मसौढ़ी ब्लॉक और सभी पंचायत मैं भ्रष्ट पदाधिकारी कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है.धनंजय मधु ने बिहार सरकार से इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है.

धनंजय मधु का कहना है कि मामले की जांच करने की आवाज उठाने के चलते हैं उनके ऊपर गौरीचक थाना में कई मामले झूठे फर्जी तरीके से दर्ज करवा दिए गए. सरकार से इसकी भी जांच करने की मांग की है कि जिन लोगों के खिलाफ उन्होंने आवाज उठाया उन लोगों से मिली भगत करके ही वीडियो ने उनके खिलाफ मामला दर्ज करवाया. धनंजय मदन फर्स्ट रूप से आरोप लगाया है कि फर्जी तरीके से गौरीचक थाना में मामला है उनके खिलाफ इसलिए दर्ज करवाया गया ताकि वह पंचायत चुनाव नहीं लड़ सके. बता दे की धनंजय मधु की पत्नी इस बरावां पंचायत से मुखिया भी रह चुकी है.

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बीडीओ मानेंद्र कुमार सिंह ने वरावां पंचायत के धनंजय मधु द्वारा लगाये आरोप को बेबुनियाद बताया है. बीडीओ ने बताया कि धनंजय मधु द्वारा ही आरोप लगाया गया था कि आवास योजना के लिए कुछ ऐसे भी लाभुक का चयन हुआ है जो इसके पात्र नहीं है और उनका भी नाम सूची में है. उनके द्वारा ही जांच की मांग की गयी थी. इसी आलोक में पूरी पारदर्शिता के साथ सूची में शामिल सभी लाभुकों की स्थलीय जांच की गयी, जिसमें हम खुद मौजूद रहे. इसी जांच में दो दर्जन से अधिक वैसे लाभुक जिनका पहले से पक्का मकान है, उसे ही सूची से रिमांड (काटा) गया है.

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