अररिया, रंजीत ठाकुर : टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत संभावित मरीजों की खोज के लिये जिले में विशेष टीबी अभियान संचालित किया जायेगा। विभागीय स्तर से इसे लेकर जरूरी तैयारियां की जा रही है। अभियान के क्रम में जिले के चिह्नित पंचायतों में सघन रोगी खोज अभियान संचालित किया जायेगा। इस क्रम में प्रति हजार आबादी पर 30 लोगों की जांच की जायेगी। जांच में 01 या इससे कम टीबी मरीज मिलने सहित निर्धारित अन्य शर्तों को पूरा करने पर संबंधित पंचायत को टीबी मुक्त पंचायत घोषित करने की दिशा जरूरी पहल की जायेगी।
डीटीयू के जिला कार्यक्रम समन्वयक दामोदर शर्मा ने बताया कि अभियान की सफलता को लेकर प्रखंड वार सभी सीएचओ, एएनएम व आशा कार्यकर्ताओं को जरूरी प्रशिक्षण दिया गया है. अभियान की सफलता को लेकर प्रखंडवार माइक्रोप्लान तैयार किया जा रहा है. निक्षय पोषण योजना के तहत जिले को 58.38 लाख रुपये का आवंटन प्राप्त होने की जानकारी देते हुए उन्होंने शत प्रतिशत लाभुकों तक इसका लाभ पहुंचाने की दिशा में कारगर पहल किये जाने की जानकारी उन्होंने दी.
विभिन्न स्तरों पर हो रहा है जिले को टीबी मुक्त बनाने का प्रयास
जिला कार्यक्रम समन्वयक दामोदर शर्मा ने बताया कि टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत जिले को टीबी मुक्त बनाने के प्रयासों के तहत विभिन्न स्तरों पर जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं. जिले की युवा आबादी में टीबी से संबंधित मामलों की पहचान के लिये सी- वाई टीबी टेस्ट अभियान के संचालन की जानकारी उन्होंने दी. बताया कि युवाओं में टीबी की पहचान व उपचार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से संचालित इस अभियान के क्रम में टीबी मरीजों के संपर्क में रहने वाले 18 साल से अधिक आयु वर्ग के लोगों की जांच में सीवाई टीबी व सीबीनैट जैसे आधुनिक जांच पद्धिति का उपयोग किया जायेगा. टीबी मुक्त भारत अभियान के क्रम में केवीपी यानी टीबी व इसके प्रसार के लिहाज से प्रमुख संवेदनशील आबादी जैसे कुपोषित व्यक्ति, 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग, डायबिटीज, मधुमेह पीड़ित मरीज, ईंट भट्ठा, कुपोषित बच्चे, मलिन बस्ती में रहने वाले अधिक से अधिक लोगों को जांच में दायरे में लाकर उनका जांच व उपचार सुनिश्चित करने की कराने का प्रयास किया जायेगा. साथ ही उन्हें राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टीबी मरीजों के हितों को ध्यान में रखकर संचालित निक्षय पोषण योजना, निक्षय मित्र योजना सहित अन्य योजनाओं का लाभ उन तक पहुचाने की दिशा में कारगर प्रयास किया किये जाने की जानकारी उन्होंने दी.
रोग का लक्षण दिखे तो जांच व उपचार को दें प्राथमिकता
जिला यक्ष्मा नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मोईज ने बताया कि टीबी मुक्त भारत अभियान की सफलता को लेकर विभाग पूरी तत्परता से कार्य कर रहा है. अभियान के तहत संभावित मरीजों की खोज, समय पर जांच व उपचार सुनिश्चित कराना हमारी सर्वाच्च प्राथमिकता है. अभियान के क्रम में अधिक से अधिक लोगों को स्क्रीनिंग के दायरे में लाने का प्रयास किया जायेगा. आम लोगों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि टीबी से संबंधित किसी तरह का लक्षण दिखने पर वे तत्काल जांच व उपचार को प्राथमिकता दें.