बिहार

बिहार में एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के मज़बूतीकरण और 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में कुपोषण के प्रबंधन पर कार्यशाला

फुलवारी शरीफ, अजीत मंगलवार को बिहार में एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के मज़बूतीकरण और 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में कुपोषण के प्रबंधन” पर एक कार्यशाला का आयोजन एम्स पटना के सामुदायिक और परिवार चिकित्सा विभाग द्वारा यूनिसेफ बिहार के सहयोग से एम्स पटना में किया गया. इस कार्यशाला में विभिन्न विभागों, संस्थानों और संगठनों के विशिष्ट वक्ताओं और प्रतिभागियों ने बिहार राज्य में एनीमिया और कुपोषण के दो महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर चर्चा और रणनीति बनाई.कार्यशाला की शुरुआत प्रोफेसर (डॉ.) संजय पांडे द्वारा स्वागत भाषण से हुई इसके बाद यूनिसेफ बिहार के पोषण विशेषज्ञ डॉ. अंतार्यामी डैश ने इसके उद्देश्यों पर प्रकाश डाला.

निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) जी. के. पाल ने एम्स पटना और यूनिसेफ के बीच साझेदारी के महत्व पर जोर दिया, जो राज्य में पोषण संबंधी चुनौतियों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए विशेषज्ञता, संसाधनों और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने में महत्वपूर्ण होगी.उन्होंने आश्वासन दिया कि एम्स पटना एक संसाधन केंद्र के रूप में यूनिसेफ के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि पोषण के क्षेत्र में सार्थक प्रगति की जा सके. सुश्री मदानही ने इस क्षेत्र में चल रहे प्रयासों और कमज़ोर आबादी तक पहुंचने में मजबूत साझेदारी के संभावित प्रभाव पर प्रकाश डाला.

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कार्यशाला में यूनिसेफ बिहार के पोषण अधिकारी डॉ. संदीप घोष और डॉ. शिवानी दार द्वारा तकनीकी सत्र शामिल थे, जिसमें एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम और राज्य में कुपोषण प्रबंधन से संबंधित वर्तमान स्थिति और प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित किया गया.इसके आलावा एक पैनल चर्चा भी आयोजित की गई जिसमें एम्स पटना के बाल रोग और प्रसूति एवं स्त्री रोग विभागों के विशेषज्ञ, राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार और एकीकृत बाल विकास योजना के संबंधित कार्यक्रमों के राज्य कार्यक्रम अधिकारी और अन्य हितधारक शामिल थे, जिन्होंने रणनीतियों पर चर्चा की, सफलता की कहानियां साझा कीं और जमीनी स्तर पर आने वाली चुनौतियों पर चर्चा.

एम्स पटना और यूनिसेफ बिहार के बीच भविष्य में सहयोग के अवसरों पर भी चर्चा की गई.इस कार्यक्रम मे डीन (अकादमिक) प्रोफेसर (डॉ.) प्रेम कुमार, डीन (छात्र मामलों) प्रोफेसर (डॉ.) पूनम प्रसाद भदानी, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट इंचार्ज प्रोफेसर (डॉ.) त्रिभुवन कुमार और सी एंड एफएम विभाग के प्रमुख प्रोफेसर (डॉ.) संजय पांडे भी उपस्थित थे. कार्यशाला का समापन डॉ. संतोष कुमार निराला, एसोसिएट प्रोफेसर द्वारा गणमान्य व्यक्तियों के सम्मान और डॉ. शिबाजी देबबर्मा, सहायक प्रोफेसर, सामुदायिक और परिवार चिकित्सा विभाग, एम्स पटना द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ.

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