बिहार

ई-टेलीमेडिसीन कंसल्टेंसी – शाम 6 बजे तक पूर्णिया 2360 लक्ष्य के अनुरूप 2226 के साथ मिला पहला स्थान

पूर्णिया, न्यूज क्राइम 24। देश सहित राज्य के सभी जिलों में ई-संजीवनी के माध्यम से टेलीमेडिसीन द्वारा नियमित रूप से चिकित्सीय परामर्श दिया जाता है। क्योंकि जिले के अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ पहुंचाना स्वास्थ्य विभाग का मुख्य उद्देश्य है। जिला योजना समन्वयक डॉ सुधांशु शेखर ने बताया कि विगत दिनों जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने मासिक समीक्षा बैठक के दौरान टेलीमेडिसिन सेवा को गंभीरता से लेते हुए इसको अधिक से अधिक जिलेवासियों तक पहुंचाने की बात कही थी।

जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मी अपनी सेवाएं नियमित रूप से दे रहे हैं। 15 नवंबर को विशेष रूप से ई-संजीवनी टेलीकंस्लटेंसी करायी गई। स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूरे राज्य को 51,995 लक्ष्य दिया गया है। जिसमें दोपहर तक 31999 टेलीकंस्लटेंसी हुई है। जिसमें शाम 6 बजे तक पूर्णिया अपने 2360 लक्ष्य के अनुरूप 2226 के साथ पहले पायदान पर है। जबकि बिहार की राजधानी पटना जिला पांचवें स्थान पर फिसल गया है।

ग्रामीणों के लिए ई-टेलीमेडिसीन सेवा संजीवनी के रूप में हो रही है साबित: सिविल सर्जन

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सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा अतिमहत्वपूर्ण कार्यक्रमों में टेलीमेडिसिन सेवाओं को शामिल करना सुदूर ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं को जनजन तक पहुंचाना इसका मुख्य उद्देश्य है। हालांकि सरकारी अस्पतालों में अत्याधुनिक सुविधाओं के उपयोग को प्राथमिकता के तौर पर सभी स्वास्थ्य केंद्रों के द्वारा लिया जा रहा है। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले गरीब, असहाय और लाचार ग्रामीणों के लिए ई-टेलीमेडिसीन सेवा संजीवनी के रूप में उभरी है। जिसके माध्यम से दूर-दराज के ग्रामीण इलाके में रहने वाले मरीज हब में बैठे चिकित्सकों से सीधे जुड़ कर चिकित्सकीय सलाह या आवश्यकतानुसार परामर्श का लाभ उठा रहे हैं।

ई-टेलीमेडिसीन कंसल्टेंसी के माध्यम से सामान्य रूप से सभी प्रकार की सेवाएं उपलब्ध: डीपीसी

जिला योजना समन्वयक डॉ सुधांशु शेखर ने बताया कि जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में परिवार नियोजन, पोषण, एड्स, कैंसर तंबाकू उपयोग के दुष्परिणाम के लिए परामर्श दिया जाता है। जांच के लिए रक्त शर्करा (शुगर), उच्च रक्तचाप, पैथोलॉजी एवं एनीमिया की जांच की जाती है। विशेषज्ञ चिकित्सकों से ई-टेलीकंस्लटेंसी के माध्यम से परामर्श लेने के बाद दवा दी जाती है। वहीं ई-टेलीमेडिसीन कंसल्टेंसी के माध्यम से सामान्य रूप से मातृ स्वास्थ्य, शिशु स्वास्थ्य, आंख, कान, नाक, दंत, त्वचा, मलेरिया, कुष्ठ, सर्दी, खांसी, बुख़ार, हाइपरटेंशन, बीपी, शुगर, अर्थराइटिस, फाइलेरिया एवं टीबी जैसी बीमारी के लिए चिकित्सीय सेवाएं जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर चिकित्सा पदाधिकारियों द्वारा शतप्रतिशत दी जाती है।

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