बिहार

एम्स में डीबीएस पद्धति से होगा न्यूरो मरीजों का उपचार

फुलवारीशरीफ(अजित यादव): न्यूरो की अत्याधुनिक चिकित्सा पद्धति डीप ब्रेन स्टीक्यूलेशन (डीबीएस) से अब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), पटना में मरीजों का उपचार होगा. इसमें पद्धति में सूक्ष्म चीरा के माध्यम से एक पतले तार (इलेक्ट्रोड्स) के द्वारा दिमाग के महत्वपूर्ण हिस्से जैसे थैलेमस, सब्सटेंसिया नाइग्रा, एबथैलेमिक न्यूक्लीयस में बड़े-छोटे मात्रा की रेडियोफ्रीक्वेंसी बिजली की करेंट प्रवाहित कर किया जाता है. इसकी मात्रा एक जेनरेटर से सुनिश्चित की जाती है.न्यूरो सर्जरी की ये बातें पटना एम्स में न्यूरो सर्जरी और फिजियोलॉजी विभाग द्वारा आयोजित संयुक्त सीएमई में बताया गया .

शनिवार को एम्स पटना में न्यूरो सर्जरी विभाग, फिजियोलाजी एवं न्यूरोलाजी विभाग की ओर से एक दिवसीय कांफ्रेंस में निदेशक डा. गोपाल कृष्ण पाल की मौजूदगी में पूरी उपचार प्रक्रिया को आरंभ करने पर सहमति बनी. आयोजन समिति के सचिव डा. विकास चंद्र झा ने बताया कि डीबीएस विधि से इलेक्ट्रोड वाले तार को स्टेरीयोटेक्टीक आपरेशन पद्धति द्वारा दिमाग के संबंधित अंदरुणी हिस्से में एक मीलीमीटर से कम के अंतर से डाला जाता है.इसके लिए पहले भारी-भरकम स्टेरियोटेक्टीक फ्रेम से सीटी और एमआरआइ मशीन के इमेज को संयोजित कर डाला जाता है.

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भारत में इस पद्धति से इलाज मानसिक मरीज (न्यूरो के मरीज) जिन्हे पारकिंसन, डिसटोनीया, गहरे अवसाद, मानसिक बीमारी, मिर्गी के दौरा आदि जो दवाओं से अप्रभावी होता है उनको काफी फायदा होता है. यह चिकित्सा पद्धति एम्स दिल्ली, निमहेंस, बेंगलुरु आदि जैसे गिने-चुने संस्थानों में है. अब यह पटना में उपलब्ध होगा.

इस पद्धति से उपचार को लेकर कांफ्रेंस में निमहेंस बेंगलुरु के न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो. द्वारकानाथ श्रीनीवास एवं प्रो. आदित्य गुप्ता ने विस्तार से जानकारी साझां किया. एसजीपीजीआइ लखनऊ के विभागाध्यक्ष प्रो. राजकुमार ने भी बारीकी से अवगत कराया. इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ निदेशक प्रो. जीके पाल, आइजीआइएमएस निदेशक डा. बिंदे कुमार, चिकित्सा अधीक्षक डा. सीएम सिंह, रेडियोलाजी विभागाध्यक्ष डा. प्रेम कुमार, न्यूरो सर्जरी विभागध्यक्ष डा. विकास चंद्र झा आदि ने किया. मौके पर आइजीआइएमएस के डा. अशोक कुमार, पूर्व कुलपति प्रो. एके अग्रवाल, डा. एके सिंह, डा. गुंजन कुमार, डा. मुकुंद प्रसाद, डा. एसके झा आदि भी थे।

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