बिहार

डीएम डॉ. सिंह द्वारा आज लोक शिकायत के कुल 11 मामलों की सुनवाई की गई

पटना, न्यूज क्राइम 24। जिलाधिकारी, पटना डॉ. चंद्रशेखर सिंह द्वारा आज अपने कार्यालय-कक्ष में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत द्वितीय अपील में शिकायतों की सुनवाई की गयी और उसका निवारण किया गया। शिकायत निवारण में लापरवाही बरतने के आरोप में दो अधिकारियों से स्पष्टीकरण किया गया।

डीएम डॉ. सिंह द्वारा आज लोक शिकायत के कुल 11 मामलों की सुनवाई की गई।

दरअसल अपीलार्थी श्रीमती राधिका देवी एवं श्रीमती मुन्नी देवी, ग्राम-छिहत्तर, प्रखंड-मनेर, जिला-पटना द्वारा जिलाधिकारी के समक्ष लोक शिकायत निवारण हेतु द्वितीय अपील में वाद दायर किया गया था। परिवादियों की शिकायत प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की राशि पात्र लाभुकों के खाते में न भेजकर किसी अन्य के खाता में भुगतान करने के विरूद्ध है। जिलाधिकारी ने सुनवाई में पाया कि विषयांकित मामले में लोक शिकायत के निवारण हेतु जिम्मेदार पदाधिकारियों द्वारा कोई सार्थक प्रयास नहीं किया गया है । यह घटना जून, 2020 की है।

उस समय से अभी तक इसका समाधान नहीं किया गया। पीड़ित व्यक्तियों द्वारा अप्रैल, 2023 में अनुमंडल लोक शिकायत निवारण कार्यालय, दानापुर में परिवाद दाखिल किया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रखंड विकास पदाधिकारी, मनेर एवं उप विकास आयुक्त, पटना द्वारा इस मामले में शिकायत के निवारण हेतु कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। बिना किसी गलती के पात्र व्यक्तियों को जनहित की महत्वपूर्ण योजना के लाभ से वंचित रखा जा रहा है। तत्कालीन दोषी प्रखंड विकास पदाधिकारी के विरूद्ध प्रपत्र ‘क’ गठित करने का आदेश दिया गया था। उप विकास आयुक्त द्वारा इसका अनुपालन नहीं किया गया।

वर्तमान प्रखंड विकास पदाधिकारी, मनेर द्वारा भी गलत ढ़ंग से किए गए भुगतान की वसूली एवं पात्र व्यक्ति को भुगतान के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया। आज की सुनवाई में लोक प्राधिकार उप विकास आयुक्त की तरफ से उपस्थित प्राधिकृत प्रतिनिधि द्वारा दोषी व्यक्तियों को केवल चिन्हित करने की बात कही गयी। विभाग से भी कोई पत्राचार नहीं किया गया। राशि की वसूली हेतु नीलाम-पत्र वाद के निष्पादन हेतु प्रखंड विकास पदाधिकारी, मनेर द्वारा कोई रूचि प्रदर्शित नहीं की जा रही है। जिलाधिकारी ने कहा कि किसी भी अधिकारी का यह व्यवहार लोक शिकायत निवारण की मूल भावना के प्रतिकूल है। अधिकारियों के इस कार्यशैली से आवेदक की समस्या का इतने दिनों में भी समाधान नहीं हो सका है। डीएम ने कहा कि यह लोक प्राधिकार की स्वेच्छाचारिता, शिथिलता तथा संवेदनहीनता को प्रदर्शित करता है।

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गलत ढ़ंग से किए गए भुगतान की वसूली एवं पात्र व्यक्ति को भुगतान के लिए कोई प्रयास नहीं करने के कारण जिलाधिकारी द्वारा गंभीर खेद व्यक्त करते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी, मनेर से स्पष्टीकरण किया गया। यदि उनका जबाब संतोषजनक नहीं होगा तो उनके विरूद्ध प्रपत्र ‘क’ गठित करने की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही दोषी तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी के विरूद्ध प्रपत्र ‘क’ गठित नहीं करने के कारण उप विकास आयुक्त

पटना से कारण-पृच्छा करते हुए उन्हें निदेशित किया गया कि सुनवाई की अगली तिथि दिनांक 30 दिसम्बर, 2023 से पूर्व पात्र परिवादियों को योजना की राशि का नियमानुसार भुगतान हर हाल में सुनिश्चित करते हुए प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता बरते जाने पर दोषी पदाधिकारियों के वेतन से नियमानुसार वसूली की जाएगी। जिलाधिकारी द्वारा उप विकास आयुक्त को यह भी निदेश दिया गया कि गलत खाता में भुगतान के ऐसे सभी मामलों की समीक्षा कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं। जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट प्रतिवेदन के साथ सुनवाई की अगली तिथि को उपस्थित रहने का निदेश दिया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि लोक शिकायतों का ससमय तथा गुणवत्तापूर्ण निवारण अत्यावश्यक है। लोक प्राधिकारों को तत्परता प्रदर्शित करनी होगी।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, संवेदनशील तथा सक्रिय रहें।

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