बलिया(संजय कुमार तिवारी): विगत 2 हफ्तों से जिला प्रशासन पटरी दुकानदारों के लिए मानो यमदूत बन गयी है। लगातर नगरपालिका की टीम सिटी मजिस्ट्रेट और स्थानीय पुलिस के मदद से शहर के विभिन्न स्थानों से अतिक्रमण हटाने में अपना पुरजोर ताकत झोंक चुकी है। कोरोना के कारण महीनों तक चले लॉक डाउन में जहाँ रोज किसी तरह अपना जीवन यापन करने वाले लोगो की कमर टूट गयी वही दूसरी तरफ सरकार के सरकारी विभाग के द्वारा लगातार बुल्डोजर चला कर सैकड़ो पटरी दुकानदारों की रोजी रोटी छीन ली गयी। आप को बताते चले शहर के बहुत से दुकानदारों को सरकार द्वारा कोरोना काल से उबरने के लिए आर्थिक मदद किया गया वही दूसरी तरफ एक तानाशाह के रूप में उन्ही दुकानदारों के दुकान पर बुल्डोजर चला दिया गया। अभी कोरोना के कहर से उबरे भी नही थे कि अचानक सरकारी यमदूतों ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया.
आरोप है कि पटरी लगभग दो दर्जन से अधिक पटरी दुकानदारों की दुकान को जेसीबी से तोड़ कर रोड के पटरी से हटाया दिया गया वो बिना किसी सूचना के। लॉकडाउन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पटरी दुकानदारों को पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि के अंतर्गत जोड़ने का काम किया जो धरातल पर बिखरता नजर आ रहा है। 10-10 दस हजार रुपये का आर्थिक लोन दिया ताकि फिर से पटरी दुकानदार अपना जीवन यापन कर अपने रोजगार को आगे बढा सके। इन चलती फिरती तस्वीरों को आप गौर से देखे कितनी बेरहमी से प्रशासनिक अमलो द्वारा अतिक्रमण के नाम पर पटरी दुकानदारों की गुमटियों को तोड़ा जा रहा। शब्जी व सामानों को नस्ट कर दिया गया।
वही दुकानदार हाथ जोड़ गुहार लगाते रह गए लेकिन पटरी दुकानदारों की एक न सुनी गई। पीड़ित दुकानदारों की माने ने तो बिना किसी सूचना के हमारी दुकाने तोड़ दी गयी। 6 महीना लॉकडाउन में खाने बिना मरे अब हम लोग कहाँ जाएंगे। सालो से यही अपनी जीविका चला कर अपने परिवार और बच्चों का पेट भरते थे।