अररिया(रंजीत ठाकुर): जिले में वंचितों के टीकाकरण को लेकर 22 व 24 दिसंबर को विशेष टीकाकरण अभियान का कार्यक्रम निर्धारित है। एक तरफ जहां राज्य सरकार दिसंबर माह के अंत तक राज्य में 10 करोड़ लोगों के टीकाकरण के प्रयास में जुटा है। वहीं जिला स्वास्थ्य विभाग जल्द से जल्द निर्धारित लक्ष्य की तुलना में 85 फीसदी लोगों को टीका का पहला डोज लगाने की कवायद कर रहा है। इसी कड़ी में अधिक से अधिक लोगों के टीकाकरण को लेकर निरंतर कोशिशें की जा रही हैं। कोरोना संक्रमण की नई लहर ओमिक्रॉन के संभावित खतरों को देखते हुए भी इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
अभियान के लिये 500 चलंत टीकाकरण दल गठित :
जानकारी देते हुए जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मो मोईज ने बताया कि प्रथम डोज के टीकाकरण के साथ-साथ ड्यू लिस्ट के आधार पर दूसरे डोज के टीकाकरण पर अभियान के तहत विशेष फोकस किया जाना है। अभियान के क्रम में प्रखंडवार गठित चलंत टीकारकण दल घर-घर जाकर वंचितों के टीकाकरण का प्रयास करेगी। रिफ्यूजल इलाकों में लोगों को समझा कर टीकाकरण के लिये राजी करने के लिये विशेष पहल की जानी है। पूर्व में ही इसके लिये प्रखंडवार रिफ्यूजल रिस्पोंस टीम गठित किये गये हैं। अगर किसी खास इलाके में लोग टीका लेने से इंकार करते हैं तो इसकी सूचना रिफ्यूजल रिस्पॉन्स टीम को दी जायेगी। टीम में विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ-साथ सहयोगी संस्था के प्रतिनिधि, वरीय प्रशासनिक अधिकारी शामिल हैं। जो रिफ्यूजल इलाकों में अभियान की सफलता के प्रयास में जुटे रहेंगे।
निगरानी व संपर्क खोज में आम लोगों से मदद की अपील :
सिविल सर्जन डॉ एमपी गुप्ता ने कहा कि देश में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए विभाग को अलर्ट किया गया है। इसे लेकर विशेष सतर्कता भी बरती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग टीकाकरण के साथ-साथ विदेश व देश के अन्य राज्यों से लौट रहे लोगों पर अपनी नजर बनाये हुए है। ओमिक्रॉन को संक्रंमण के अन्य पूर्ववर्ती लहर से ज्यादा खतरनाक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह 70 गुणा अधिक तेजी से प्रसारित हो सकता है। आम जिलावासियों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि अगर उनके गांव व आस-पास के इलाकों में कोई भी व्यक्ति देश के दूसरे राज्य व विदेशों से लौटते हैं तो इसकी तत्काल सूचना स्वास्थ्य विभाग को दें। ताकि उनका जांच सुनिश्चित कराया जा सके। संक्रमण के प्रसार पर प्रभावी नियंत्रण के लिये उन्होंने टीकाकरण व टेस्टिंग के साथ-साथ बाहर से लौटने वाले लोगों पर निगरानी व संपर्क खोज को महत्वपूर्ण बातया। इसमें आम लोगों का सहयोग अपेक्षित है।