बिहार

आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों को उपलब्ध कराया जायेगा पौष्टिक लड्डू व सत्तु लड्डू

अररिया(रंजीत ठाकुर): कोरोना संक्रमण की वजह से आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन लंबे समय से बाधित है। इस कारण आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को गर्म पौष्टिक आहार उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इसके स्थान पर सूखा राशन बच्चों के घर पहुंचाया जा रहा है। बच्चों में कुपोषण से जुड़ी समस्या को दूर करने के लिये इसे अपर्याप्त मानते हुए समाज कल्याण विभाग ने नयी शुरुआत की है। इसके तहत बच्चों को अब हाई एनर्जी फूड की रेसिपी के तहत खास किस्म के लड्डू पोषक क्षेत्र के बच्चों के घर पहुंचाया जायेगा। राज्य में उक्त कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत गुरुवार को की गयी। आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 348, 349 व 350 पर डीपीओ आईसीडीएस सीमा रहमान, सीडीपीओ अररिया तनूजा साह, डीसी एनएनएम कुणाल श्रीवास्तव, डीसी पीएमएमभीवाई सोएब रूमी, पिरामल स्वास्थ्य की बीटीएम रेणु कुमारी, एलएस परमजीत सारथी की मौजूगदी में सेविकाओं को प्रसंस्कृत पौष्टिक लड्डू व सत्तू लड्डू बनाने की विधि का प्रशिक्षण देते हुए कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। मौके पर आंगनबाड़ी सेविका रहमती खातून, नाहिदा खातून, सुल्ताना खातून, रूहिला खातून सहायिका वकिला खातून व रोशन आरा मौजूद थी।

सेविकाओं को प्रसंस्कृत लडडू बनाने की दी गयी जानकारी :

इस संबंध में आईसीडीएस डीपीओ सीमा रहमान ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर आने वाले बच्चों के लिये टेक होम राशन की व्यवस्था होती है। यह पके हुए भोजन के अतिरिक्त होता है। नये व्यवस्था के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से टेक होम राशन की जगह बच्चों को पौष्टिक लड्डू व चूर्ण उपलब्ध कराया जायेगा। आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका इसे तैयार करेंगी। इसे लेकर उन्हें जरूरी प्रशिक्षण दिया गया है। प्रसंस्कृत लड्डू लंबे समय तक इस्तेमाल में लाया जा सकेगा। जो बच्चों के पोषण संबंधी सभी जरूरतों को पूरा करने के लिहाज से महत्वपूर्ण होगा।

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बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने में होगा मददगार :

जिला पोषण समन्वयक कुणाल श्रीवास्तव ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों को फिलहाल गर्म पका हुआ भोजन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इसके स्थान पर आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्रसंस्कृत पौष्टिक लडड् व सत्तू लड्डू तैयार कर पौषक क्षेत्र के बच्चों के बीच वितरित किया जायेगा। राज्य स्तर पर इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया है। उन्होंने बताया कि पोषक क्षेत्र की वैसी महिलाएं जिनके घर में छोटे-छोटे बच्चे हैं। उन्हें भी सेविका के माध्यम से प्रसंस्कृत लडडू तैयार करने की जानकारी दी जायेगी। ताकि वे इसे अपने घर पर इसे तैयार कर बच्चों को दें। इससे वे अपने बच्चों को कुपोषण की समस्या निजात दिला सकेंगे।

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