बिहार

देश की बदहाली और केन्द्र की भाजपा सरकार के विफलता का नौ साल

केन्द्र में भाजपा सरकार के नौ वर्ष पुरा होने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि इसे देश की बदहाली और सभी मोर्चे पर सरकार की विफलता के रूप में याद किया जाएगा। ज्ञातव्य है कि 26 मई 2014 को हीं केन्द्र में भाजपा सरकार का गठन हुआ था।

राजद प्रवक्ता ने कहा कि आज मोदी सरकार के 9 साल पूरे हो गए। इन 9 सालों में लोगों को महंगाई, बेरोजगारी और तानाशाही फैसलों का दंश झेलना पड़ा। केन्द्र की भाजपा सरकार जो जुमलों के बल पर सत्ता में आई, उसने एक भी वादा पूरा नहीं किया। सारे के सारे वादे जुमले बन कर रह गए।

राजद प्रवक्ता ने कहा कि सत्ता में आने के पूर्व देश के नौजवानों को भरोसा दिया गया था कि प्रति वर्ष दो करोड़ नौजवानों को नौकरी दी जाएगी। पर नौ वर्षों में नौ लाख नौजवानों को भी नौकरी नहीं मिली जबकि इस काल खंड में केन्द्र सरकार के अधीन चालीस लाख से ज्यादा पद खाली हुए। इसी प्रकार वादा किया गया था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी। पर आन्दोलन कर रहे किसानों के साथ पिछले वर्ष हुए समझौते को भी अभी तक लागू नहीं किया गया और न एमएसपी की घोषणा हुई। 2022 तक सबको पक्का मकान देने का वादा आज तक पुरा नहीं हुआ।

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इसी प्रकार 2022 तक गंगा को पूरी तरह साफ कर देने की घोषणा की गई थी पर आज भी गंगा की सफाई नहीं हुई।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि वादा किया गया था कि विदेशों में जमा काले धन को वापस लाकर सभी के खाते में 15-15 लाख रुपये भेज दिया जाएगा। लोगों को खाता चेक करते नौ साल गुजर गए आज तक एक पैसा नहीं आया। इसके उलट एलआईसी और बैंकों में जमा हजारों करोड़ रुपये लेकर सत्ता संरक्षित पूंजीपति विदेश फरार हो गए तो कुछ अपना आर्थिक साम्राज्य को बढ़ा लिए।

राजद प्रवक्ता ने कहा कि 9 वर्ष पहले गरीबी रेखा से जीवन वसर करने वाले जहां 51 प्रतिशत थे उनका प्रतिशत बढ़कर 62 प्रतिशत हो गई। इन नौ वर्षों में लोगों को नोटबंदी, जीएसटी और अग्निवीर जैसे अदूरदर्शी फैसलों ने भारी तबाही का सामना करना पड़ा। करोना जैसे महामारी में देश को लाखों बच्चे अनाथ हो गए और लाखों महिलाएं विधवा हो गई पर घोषणा के बावजूद उन्हें अबतक कोई राहत और मुआवजा नहीं मिला। विभिन्न आतंकी हमले में हमारे जवान शहीद हुए पर सत्ता के शीर्ष नेतृत्व द्वारा संवेदना के दो शब्द भी नहीं निकले।

यदि केन्द्र की भाजपा सरकार का 9 वर्षों का मूल्यांकन किया जाए तो सरकार के गलत नीतियों का विरोध करने वालों के खिलाफ सीबीआई, ईडी और आईटी का इस्तेमाल करना, ‌भाजपा विरोधी सरकारों को गलत हथकंडों के द्वारा अपदस्थ करने के साथ हीं पोर्ट , एअरपोर्ट एवं अन्य सरकारी प्रोजेक्टों को निजी हाथों में बेचने के अलावा और कुछ भी नहीं है। महंगाई और बेरोजगारी तो इस सरकार के एजेंडे में है हीं नहीं।

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