बिहार

राष्ट्रीय सुरक्षित मातृव दिवस (11 अप्रैल) : हर गर्भवती मां को दिलाये एहसास की वह है सबसे खास

पूर्णिया, (न्यूज़ क्राइम 24) महिलाओं के जीवन में गर्भावस्था एक बेहद ही महत्वपूर्ण चरण है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को न केवल अतिरिक्त देखभाल बल्कि अतिरिक्त सहायता की भी जरूरत होती है। लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए महिला एवं बाल विकास निगम, समाज कल्याण विभाग बिहार द्वारा प्रति वर्ष 11 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षित मातृव दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान लोगों को गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की विशेष ध्यान रखते हुए नजदीकी अस्पताल में आवश्यक चिकित्सिकीय जांच और उपचार कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को जागरूक किया जाता है।

लोगों द्वारा गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं की नजदीकी अस्पताल से जांच और उपचार कराते हुए चिकित्सकों के परामर्श द्वारा गर्भवती महिलाओं को आवश्यक पोषण सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जागरूक करने स्वास्थ्य विभाग द्वारा 11 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षित मातृव दिवस के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षित मातृव दिवस द्वारा क्षेत्र की महिलाओं को जागरूक किया जाता है कि गर्भावस्था के दौरान माँ और होने वाले शिशु के बेहतर स्वास्थ्य के लिए नजदीकी अस्पताल में प्रशिक्षित एएनएम द्वारा सभी जांच कराते हुए बेहतर स्वास्थ्य के लिए आवश्यक उपचार सुविधा का लाभ उठाया जाए जिससे कि प्रसव के दौरान माँ और बच्चा बिल्कुल स्वस्थ और सुरक्षित रह सके। राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस द्वारा सभी स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध लोगों को विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी उपलब्ध कराते हुए स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा हर गर्भवती माँ को उनके और होने वाले बच्चे के स्वस्थ और सुरक्षित होने का एहसास कराया जाता है।

गर्भावस्था के दौरान अस्पताल से चिकित्सिकीय जांच और उपचार बनाता है माँ और शिशु को स्वस्थ और सुरक्षित : सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने कहा कि गर्भवती महिलाओं और होने वाले शिशु को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों में प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा आवश्यक जांच और उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इस दौरान गर्भवती महिला को चिकित्सक द्वारा गर्भावस्था के दौरान सही खान-पान एवं पोषण की जानकारी दी जाती है जिसका उपयोग करने से गर्भवती महिला और होने वाला बच्चा स्वास्थ रहता है।

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गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच के साथ साथ आवश्यक टीकाकरण सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इसके साथ साथ सुरक्षित प्रसव के लिए गर्भवती महिला और उनके परिजनों को नजदीकी अस्पताल में चिकित्सक से आपसी तालमेल बनाते हुए समय पर प्रसव चिकित्सकों की उपस्थिति में करवाने के लिए जागरूक किया जाता है। माँ और होने वाले बच्चे को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिए चिकित्सकों द्वारा परिजनों से गर्भवती महिला को तनावमुक्त खुशहाल घरेलू माहौल में रखने के लिए जागरूक किया जाता है। इससे प्रसव के दौरान माँ बिल्कुल स्वस्थ रहती है और प्रसव के बाद मां और शिशु स्वस्थ और सुरक्षित रहते हैं।

स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रशिक्षित एएनएम द्वारा किया जाता है प्रसव पूर्व जांच और संस्थागत प्रसव :

डीपीसी डॉ सुधांशु शेखर ने कहा कि माँ और नवजात शिशु के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जिले के स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रशिक्षित एएनएम द्वारा गर्भवती महिलाओं की जांच और प्रसव सुविधा का लाभ उपलब्ध कराई जाती है। इससे जन्म के बाद नवजात शिशु के सभी स्वास्थ की जानकारी तत्काल करते हुए शिशु को स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक टीकाकरण और उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। जन्म के बाद नवजात शिशु और उनकी माँ के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जन्म के एक घंटे के अंतर शिशु को स्तनपान कराया जाता है। इससे नवजात शिशु भविष्य में विभिन्न परेशानियों के ग्रसित होने से सुरक्षित रहते हुए स्वस्थ जीवन का लाभ उठा सकता है। डॉ सुधांशु ने कहा कि माँ और नवजात शिशु के बेहतर स्वास्थ्य के लिए लोगों द्वारा नजदीकी अस्पताल में प्रसव पूर्व जांच और संस्थागत प्रसव सुविधा का लाभ उठाना चाहिए जिससे कि माँ और शिशु स्वस्थ और सुरक्षित रह सकें।

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