अररिया, रंजीत ठाकुर। छोटा परिवार खुशहाली का आधार होता है। वह इसलिये कि छोटे परिवार में बच्चों के लालन-पालन, पोषण, शिक्षा सहित जीवनोपयोगी अन्य संसाधनों तक आसान पहुंच संभव है। उपलब्ध संसाधनों पर आबादी के बढ़ते बोझ को देखते हुए भी सरकार व स्वास्थ्य विभाग द्वारा छोटे परिवार की परिकल्पना को विभिन्न स्तरों पर प्रेरित व प्रोत्साहित किया जा रहा है। लिहाजा समुदाय स्तर पर जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रति जागरूकता, परिवार नियोजन संबंधी सेवाओं की जानकारी, योग्य दंपतियों को इच्छानुसार संबंधित सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिले में 04 से 26 सितंबर तक जनसंख्या स्थिरिकरण पखवाड़ा संचालित किया जा रहा है। विभिन्न सरकारी विभागों के बीच आपसी समन्वय को बेहतर बनाते अभियान की सफलता को लेकर जरूरी पहल की जा रही है। इसमें संबंधित क्षेत्र की आशा, आंगनबाड़ी सेविका, जीविका दीदी व विकास मित्रों से जरूरी सहयोग लिया जा रहा है।
दो चरण में संचालित होगा अभियान –
सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने बताया कि अभियान दो चरण में संचालित है। 04 से 10 सितम्बर तक प्रथम चरण में दंपति संपर्क पखवाड़ा व 11 से 26 सितंबर तक दूसरे चरण में परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा संचालित किया जाना है। पहले चरण में आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जीविका दीदी के सहयोग से योग्य दंपतियों को चिह्नित किया जायेगा। दूसरे चरण में चिह्नित दंपतियों को उनके इच्छा मुताबिक उपलब्ध सेवाओं का लाभ पहुंचाया जायेगा। अभियान की सफलता को लेकर संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिये गये हैं।
पूरी तरह नि:शुल्क है परिवार नियोजन संबंधी सेवाएं-
डीपीएम स्वास्थ्य संतोष कुमार ने अभियान की सफलता में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इसे लेकर पंचायत के मुखिया, सरपंच को पूर्व में विभाग द्वारा जरूरी प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन से जुड़ी सभी सेवाएं विभागीय स्तर से नि:शुल्क उपलब्ध करायी जाती है। अभियान के क्रम में लोगों को जनसंख्या स्थिरीकरण की जरूरत, सही उम्र में शादी का महत्व, दो बच्चों के बीच पर्याप्त अंतर, छोटे परिवार का लाभ, मां व शिशु स्वास्थ्य की बेहतरी के लिये नियोजन के महत्व से अवगत कराते हुए इससे जुड़ी सेवाएं उपलब्ध करायी जायेगी।
लाभुक व उत्प्रेरक को प्रोत्साहन राशि देती है सरकार –
जानकारी देते हुए डीसीएम सौरव कुमार ने कहा कि परिवार नियोजन उपाय अपनाने पर लाभुक व प्रेरक दोनों को निर्धारित प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराने का प्रावधान है। पुरुष नसबंदी के लिये लाभुक को 3000 रुपये व उत्प्रेरक को 400 रुपये का प्रोत्साहन दिया जाता है। वहीं महिला बंध्याकरण के लिए लाभार्थी को 2000 व उत्प्रेरक को 300 रुपये देने का प्रावधान है। प्रसव के उपरांत बंध्याकरण के लाभार्थी को 3000 रुपये, उत्प्रेरक को 400 रुपये, प्रसव उपरांत कॉपर-टी लगाने पर लाभार्थी को 300 व उत्प्रेरक को 150 रुपये, गर्भपात के उपरांत कॉपर-टी लगाने पर लाभार्थी को 300 व उत्प्रेरक को 150 रुपये को प्रोत्साहन के रूप में दिया जाता है। वहीं गर्भनिरोधक सुई लगाने पर लाभार्थी को 100 रुपये व उत्प्रेरक को 100 रुपये देने के प्रावधान की जानकारी उन्होंने दी।