पूर्णिया, न्यूज क्राइम 24। 19 दिसंबर। कुछ दिनों के अवकाश के बाद फिर से खुले आंगनबाड़ी केंद्रों में महिलाओं और शिशुओं के स्वास्थ्य और पोषण पर विशेष ध्यान रखने पर जोर दिया जा रहा है। छः माह के शिशुओं को स्तनपान कराने के साथ- साथ सही पोषण उपलब्ध कराने के लिए लोगों को जागरूक करने हेतु फिर से 19 तारीख को जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में अन्नप्राशन दिवस का आयोजन किया गया। इसमें छह माह पूर्ण कर चुके सभी बच्चों को खीर खिलाकर उनके ऊपरी आहार की शुरुआत की गई। इसके साथ ही केंद्रों पर उपस्थित सभी परिजनों को शिशुओं के बेहतर पोषण की जानकारी भी दी गई।
सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर छः माह के शिशुओं को सही पोषण के साथ अन्नप्राशन कराने का सभी आंगनबाड़ी अधिकारियों द्वारा भी निरीक्षण किया गया। समेकित बाल विकास परियोजना (आईसीडीएस) जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) रीना श्रीवास्तव द्वारा कसबा प्रखंड के विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण करते हुए केंद्र में उपस्थित बच्चों को खीर खिलाकर उनके स्वस्थ जीवन के लिए उपस्थित दंपत्तियों को जागरूक किया गया। आईसीडीएस डीपीओ रीना श्रीवास्तव ने बताया कि महिलाओं और बच्चों को सही पोषण की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा समेकित बाल विकास परियोजना के माध्यम से राष्ट्रीय पोषण अभियान चलाया जाता है।
पोषण अभियान के अंतर्गत सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर हर माह के 19 तारीख को छह माह पूर्ण कर चुके बच्चों को खीर खिलाते हुए उनके ऊपरी आहार की शुरुआत की जाती और शिशु के सभी परिजनों को भी पोषण के प्रति जागरूक किया जाता है। निरीक्षण के दौरान डीपीओ के साथ राष्ट्रीय पोषण अभियान की जिला समन्वयक निधि प्रिया, जिला परियोजना सहायक सुधांशु कुमार, कसबा सीडीपीओ बसंती पासवान सहित आंगनबाड़ी केंद्रों पर सेविका, सहायिका एवं अन्य लोग उपस्थित रहे।
बच्चों के सही पोषण और नियमित खान-पान की दी गई जानकारी :
अन्नप्राशन दिवस पर आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा 6 माह से 2 वर्ष तक के बच्चों की माताओं को बुलाकर बच्चों के लिए 6 माह के बाद ऊपरी आहार की जरूरत के विषय में जानकारी दी गयी। डीपीओ रीना श्रीवास्तव ने बताया कि 6 से 9 माह के शिशु को दिनभर में 200 ग्राम सुपाच्य मसला हुआ खाना, 9 से 12 माह में 300 ग्राम मसला हुआ ठोस खाना, 12 से 24 माह में 500 ग्राम तक खाना खिलाया जाना चाहिए। शिशुओं को अतिरिक्त आहार के मिलने से उनके शरीर में तंदुरुस्ती आने के साथ ही उनके मस्तिष्क विकास में भी वृद्धि होती है। सही समय पर सही पोषण से ही देश में कुपोषण की समस्या को खत्म किया जा सकता है। उन्होंने अभिभावकों को बच्चों के दैनिक आहार में हरी पत्तीदार सब्जी और पीले नारंगी फल को विशेष रूप से शामिल करने की बात बताई।
महिलाओं को नियमित स्तनपान कराने के होने वाले फायदों की दी गई जानकारी :
अन्नप्राशन दिवस पर केंद्र में उपस्थित सभी महिलाओं को स्तनपान के फायदों की जानकारी दी गई। अन्नप्राशन के लिए उपस्थित लोगों को जानकारी देते हुए पोषण अभियान की जिला समन्यवक निधि प्रिया ने बताया कि सभी गर्भवती महिलाओं को गर्भ के समय की खान-पान और परहेज पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को बच्चे के जन्म के पूर्व की तैयारी, बच्चे को जन्म के 1 घंटे के भीतर माँ का गाढा पीला दूध पिलाना आदि महत्वपूर्ण है।
पहले छह माह तक बच्चों को सिर्फ माँ का दूध ही दिया जाना चाहिए। यह बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास को मजबूत बनाने में सहायक होता है। उन्होंने बताया कि स्तनपान कराने से शिशुओं को डायरिया, निमोनिया, कुपोषण जैसी विभिन्न गंभीर बीमारियों से लड़ने की ताकत मिलती है। इसलिए सभी बच्चों को छः माह तक केवल स्तनपान कराने के बाद दो वर्ष तक अतिरिक्त पूरक आहार के साथ स्तनपान भी जरूर कराना चाहिए।