अररिया, रंजीत ठाकुर भरगामा अंचल में पदस्थापित कानूनगो अरविन्द कुमार व उनके प्राईवेट मुंशी पर लोगों ने अवैध वसूली करने का आरोप लगाया है। बताया जाता है कि कानूनगो अरविन्द कुमार रानीगंज बाजार स्थित ऑटो स्टैंड के समीप अपने प्राईवेट कार्यालय में भरगामा अंचल क्षेत्र के फरयादियों को बुलाकर उनसे अपने निजी सहायक के द्वारा अवैध वसूली करवाते हैं। मालूम हो कि ऐसे किसान जिसने बिना दाखिल खारिज के सर्वे अमीन के पास केवाला या वंशावली जमा किया था उनके जमीन का सर्वे करने के नाम पर विभिन्न तरीके के कागजी गड़बड़ी को बताकर भोले-भाले किसानों से मोटी रकम वसूली करने का मामला सामने आया है। बता दें कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।
वीडियो में एक युवक कानूनगो अरविन्द कुमार का नाम लेते हुए बता रहा है कि उन्हें उसके सर कानूनगो अरविन्द कुमार ने भरगामा अंचल क्षेत्र के किसानों को रानीगंज बाजार स्थित ऑटो स्टैंड के समीप प्राईवेट कार्यालय में बुलाकर जमीन सर्वे संबंधित कार्य का निपटारा करने को कहा है। इसलिए वे क्षेत्र के किसानों को कॉल करके रानीगंज बुलाते हैं और उनका काम करते हैं। जबकि इस संबंध में कानूनगो अरविन्द कुमार का कहना है कि वे रानीगंज में किराये का रूम लेकर रहते हैं,लेकिन लोगों का कार्य वे अपने कानूनगो कार्यालय मनुल्लाहपट्टी में हीं बुलाकर करते हैं। जबकि अवैध वसूली के मामले में पूछने पर उन्होंने अवैध वसूली से इनकार किया। वहीं लोगों का कहना है कि जब कानूनगो के लिए सरकारी कार्यालय आवंटित है तो वह प्राईवेट स्थानों पर क्यों बैठते हैं और वहां क्षेत्र के किसानों को क्यों बुलाते हैं
इसका तो सीधा सा यही मतलब बनता है कि वे और उनके अधीनस्थ सरकारी व प्राइवेट निजी सहायक के मिलीभगत से किसानों से जमीन सर्वे के नाम पर अवैध वसूली किया जाता है। बता दें कि सिमरबनी पंचायत के एक किसानों ने बताया कि उनसे सर्वे अमीन ने जमीन का सर्वे करने के नाम पर शराब का डिमांड किया और जबतक पीड़ित किसानों ने सर्वे अमीन को शराब नहीं पिलाया तब तक उनका जमीन का सर्वे को रोककर रखा गया। वहीं धनगड़ा के एक किसानों ने बताया कि उनसे सर्वे अमीन ने 30 हजार रूपये रिश्वत लिया तब जाकर उनके जमीन का सर्वे किया। वहीं शंकरपुर के एक किसानों ने बताया कि उनसे 15 हजार रूपये लिया गया तब जाकर उनके जमीन का सर्वे किया गया। वहीं रघुनाथपुर के एक किसानों ने बताया कि उनसे 13 हजार रूपये लिया गया तब जाकर उनके जमीन का सर्वे किया गया।
बता दें कि ये तो सिर्फ छोटा सा उदाहरण है,अगर जमीनी हकीकत से रूबरू होने का प्रयास किया जाए तो कम हीं किसान ऐसा होगा जिनसे उनके जमीन के सर्वे करने के नाम पर अवैध वसूली नहीं किया गया होगा। इस मामले में फारबिसगंज डीसीएलआर अंकिता सिंह ने बताया कि मामले की जांच-पड़ताल के बाद दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं एसडीएम शैलजा पाण्डेय ने बताया कि जांच पड़ताल के क्रम में अगर किसानों का शिकायत सत्य पाया जाता है तो दोषियों को किसी भी हाल में बक्सा नहीं जाएगा। क्यूंकि भ्रष्टाचार किसी भी स्तर का हो सभी के लिए सजा का प्रावधान है। हालांकि इस मामले में लोगों ने जिलाधिकारी से उचित कार्रवाई की मांग की है।