फुलवारीशरीफ, अजित। भारतीय लोकहित पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रख्यात शिक्षाविद सह पर्यावरणविद गुरुदेव श्री प्रेम ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर “व्यापार” और “व्यापारी” शब्द को गाली के रूप में इस्तेमाल करने पर रोक लगाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि आजकल गलत ढंग से पैसा कमाने वालों को देखकर लोग तंज कसते हुए कहते हैं कि वह व्यापारी हो गया, जो बेहद अनुचित है।
गुरुदेव प्रेम ने कहा कि जब कोई अधिकारी, राजनेता या अभिनेता गलत ढंग से पैसा कमाता है तो समाज उसे व्यापारी कह देता है, जबकि व्यापार देश की आर्थिक रीढ़ है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदाहरण देते हुए कहा कि वे भी बचपन में चाय बेचते थे, यानी एक व्यापारी थे, और आज देश के प्रधानमंत्री हैं. इसलिए व्यापारी और व्यापार शब्द को गाली के रूप में इस्तेमाल करना न केवल अनुचित है बल्कि देश के ईमानदार व्यापारियों का अपमान भी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय से यह विषय पहली बार उठाया गया है और उम्मीद है कि इस पर ठोस कदम उठाकर समाज में व्यापारी वर्ग की गरिमा को संरक्षित किया जाएगा।
