फुलवारी शरीफ, (न्यूज़ क्राइम 24) बिहार, झारखंड, ओडिशा और बंगाल की सबसे बड़ी मुस्लिम संस्था इमारत-ए-शरिया के मुख्यालय में शनिवार को जबरदस्त हंगामा हुआ. विवाद संस्था के सर्वोच्च पदों पर कब्जे को लेकर हुआ, जिसके कारण हालात तनावपूर्ण हो गए.स्थिति को काबू में करने के लिए एडीएम, एसडीओ, डीएसपी समेत भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा और इमारत परिसर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई.
इमारत-ए-शरिया में पूर्व सचिव शिब्ली कासमी और पूर्व अमीर-ए-शरीयत के दावेदार अनीसुर रहमान कासमी समर्थकों के साथ प्रशासन की मदद से मुख्यालय पहुंचे और पदभार ग्रहण करने का दावा किया.उन्होंने कहा कि अध्यक्ष फैसल रहमानी की नियुक्ति अवैध है और वे ही इमारत के वैध अध्यक्ष और सचिव हैं.
इस दौरान कुछ राजनीतिक दलों के सांसद और नेता भी मौजूद थे, जिनका स्थानीय नागरिकों ने जमकर विरोध किया. स्थिति तब और बिगड़ गई जब चर्चा फैल गई कि सरकारी दखल के तहत इमारत-ए-शरिया पर कब्जे की कोशिश हो रही है. इस खबर से बड़ी संख्या में लोग संस्था के परिसर में जुट गए और विरोध करने लगे.
बढ़ते तनाव को देखते हुए एडीएम विधि-व्यवस्था, मजिस्ट्रेट, एसडीओ और डीएसपी मौके पर पहुंचे और हालात को नियंत्रित किया. वर्तमान में इमारत शरिया के पद पर काबिज लोगों के कड़े विरोध के कारण पूर्व सचिव और अध्यक्ष पद के दावेदार को लौटना पड़ा.
बताया जा रहा है कि यह विवाद दावत-ए-इफ्तार के बहिष्कार के बाद और गहरा गया. संस्था के आंतरिक विवाद अब खुलकर सामने आने लगे हैं, जिससे समुदाय के लोग भी चिंतित हैं. बताया जा रहा है कि इमारत शरिया ने हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दावत इफ्तार का बहिष्कार करने का ऐलान किया था. इमारत के अलावा देश की कई मुस्लिम संस्था ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सहित अन्य संस्थान भी ऐसा विरोध करने का ऐलान किया था उसी के बाद यह विवाद बढ़ा है.
इमारत-ए-शरिया के मौजूदा प्रबंधन का कहना है कि 3 मार्च को पूर्व सचिव को पदमुक्त कर दिया गया था और मुफ्ती सईदूर रहमान कासमी को नया सचिव नियुक्त किया गया. वहीं, विरोधी गुट इसे अवैध ठहराते हुए फिर से नियंत्रण हासिल करना चाहता है.फिलहाल, संस्था के शीर्ष पदों को लेकर विवाद गहराता जा रहा है और प्रशासन सतर्कता बरत रहा है.