अररिया (रंजीत ठाकुर): नरपतगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत अंचरा पंचायत वार्ड संख्या-02 में एक ऐसे विद्यालय हैं जिस में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को विद्यालय एवं शिक्षकों का नाम मालूम नहीं है। बताते चलें कि आज रविवार 7 अगस्त को समाचार संकलन के दौरान प्राथमिक विद्यालय अब्दुल मजीद टोला हनुमान नगर, सुरसर ग्रामीणों की शिकायत पर समय करीब 9:30 बजे जब पहुंचा तो देखा कि कार्यालय व क्लासरूम में ताला लगा हुआ था,और दो व्यक्ति कुर्सी पर बाहर बैठे हुए थे। उक्त व्यक्ति से संवाददाता के द्वारा पूछा गया आप कौन हैं तो उन्होंने बताया कि हम लोग सहायक शिक्षक हैं। दोनों शिक्षक ने अपना नाम वीरेंद्र कुमार विक्रम एवं परुषराम पाठक बताया, क्लासरूम एवं कार्यालय के बंद होने के संबंध में पूछा गया तो कहां कार्यालय एवं क्लास रूम का चाबी प्रधाना अध्यापक मोहम्मद सलाउद्दीन जी के पास है, उसी दौरान एक और शिक्षक समय करीब 9:40 बजे विद्यालय पहुंच गया।
अन्य तीन शिक्षक मोहम्मद सलाउद्दीन प्रधानाध्यापक एवं मोहम्मद जफर अहमद तथा शिक्षिका रचना कुमारी समाचार संकलन के दौरान अनुपस्थित पाया गया था। उपस्थित शिक्षक विरेंद्र कुमार विक्रम एवं परुषराम पाठक ने बताया शिक्षिका अवैतनिक अवकाश में है, वहीं शिक्षकों के संबंध में कुछ भी बताने से इनकार किया। संवाददाता को देख आसपास के ग्रामीण अभिभावक एवं वार्ड सदस्य प्रतिनिधि सह विद्यालय शिक्षा समिति अध्यक्ष मोहम्मद शमशेर, वार्ड पंच मोहम्मद जसीम, मोहम्मद सदीक, मोहम्मद नूर हुसैन, मोहम्मद ताहिर, मोहम्मद इस्लाम, आदि दर्जनों की संख्या में ग्रामीणों ने विद्यालय पहुंचकर कार्यरत प्रधाना अध्यापक सहित अन्य शिक्षकों पर मनमानी एवं बच्चों के भविष्य से खिलवाड़
तथा विद्यालय के विधि व्यवस्था से बेखबर होने जैसे कई ऐसे आरोप लगाते हुए विभाग से अभिलंब प्रधानाध्यापक का स्थानांतरण की मांग करने लगे। तत्पश्चात उपस्थित ग्रामीणों ने स्कूल की शौचालय के तरफ दिखाने लगे जो गंदगी से पटा हुआ था, रसोईघर टूटा हुआ, चारों तरफ गंदगी ही गंदगी, उसी दौरान कुछ बच्चे विद्यालय पहुंच गए, उपस्थित बच्चे स्कूल ड्रेस में नहीं दिखे, जब बच्चों से यह पूछा गया कि किस विद्यालय में पढ़ते हैं, बच्चों ने विद्यालय का नाम नहीं बता पाया, बच्चों से शिक्षकों का नाम बताने को कहा गया तो नाम भी नहीं बता पाए। ज्ञात हो कि मुस्लिम बच्चों की आबादी विद्यालय में होने के कारण रविवार को खुला रहता है,और शुक्रवार को छुट्टी कर दिया जाता है।
ग्रामीण क्षेत्र के कल्याणकारी योजना सहित शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए जहां सरकार के निर्देश पर समय-समय पर पदाधिकारियों का औचक निरीक्षण किया जाता है, वहीं उक्त विद्यालय के शिक्षकों को जरा सा भी फर्क पड़ने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि उक्त शिक्षकों के ऊपर कहीं ना कहीं भ्रष्ट पदाधिकारियों का छत्रछाया है, जिस वजह से मनमाने तरीके से विद्यालय चलाते आ रहे हैं, बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है।