बिहार

नियमित टीकाकरण को लेकर नवनियुक्त एएनएम का प्रशिक्षण शिविर आयोजित

पूर्णिया(रंजीत ठाकुर): नियमित टीकाकरण नवजात शिशुओं के जीवन और भविष्य की सुरक्षा के लिए सबसे प्रभावी और किफायती तरीकों में से एक माना गया है। नौनिहालों को जीवित रहने के लिए टीकाकरण कराना बहुत ही ज़्यादा जरूरी होता है। नियमित टीकाकरण को छोड़ने से नवजात शिशुओं के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। शिशुओं के जीवन और भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी और कम लागत का बेहतरीन तरीका है। नियमित टीकाकरण को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए 10 जिलों यथा अररिया, मधेपुरा, सुपौल, कटिहार, खगड़िया, पूर्णिया, बांका, किशनगंज, सहरसा एवं मुंगेर की नवनियुक्त एएनएम के लिए प्रशिक्षण शिविर शहर के निजी होटल में आयोजित किया गया है। प्रभारी अपर स्वास्थ्य निदेशक सह पूर्णिया के सिविल सर्जन डॉ एसके वर्मा, यूनिसेफ़ की ओर नियमित टीकाकरण के राज्य सलाहकार रणवीर कुमार, विभीषण झा के अलावा क्षेत्रीय सलाहकार शिव शेखर आनंद एवं चाई की ओर से वत्सल ढाका के द्वारा संयुक्त रूप से इस शिविर का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर यूएनडीपी से वीसीसीएम रजनीश पटेल, ज़िला वैक्सीन कोल्ड चेन प्रभारी अंजली भारती एवं पूर्णिया पूर्व पीएचसी से यूनिसेफ़ के अमित कुमार सहित कई अन्य उपस्थित थे।

विभिन्न तरह के जीवाणु एवं विषाणुओं से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है नियमित टीकाकरण : सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ एसके वर्मा ने उद्घाटन के बाद बताया कि
टीकाकरण बच्चे के रोग प्रतिरोधक तंत्र को मजबूत बनाता और उन्हें विभिन्न तरह के जीवाणु एवं विषाणुओं से लड़ने की शक्ति भी प्रदान करता है। संपूर्ण टीकाकरण को गति प्रदान करने के बाद वंचित लोगों तक पहुंच बनाने के लिए भारत सरकार ने एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के तहत मिशन इंद्रधनुष प्रारंभ किया है। यह लाभार्थियों की संख्या, भौगोलिक पहुंच और टीकों की मात्रा के आधार पर विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम माना जाता है। हमलोगों के लिए गौरव की बात है कि पूर्णिया जैसे शहर में 10 जिलों की नवनियुक्त एएनएम प्रशिक्षण लेने आई हुई हैं। शहरी क्षेत्रों में नियमित रूप से टीकाकरण कार्य को संयमित एवं सुरक्षित करने के लिए 10 जून से 16 जून तक विभिन्न जिले से आई एएनएम को यूनिसेफ़ की ओर आई टीम द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा।

नियमित टीकाकरण के फायदे एवं रख रखाव के संबंध में विस्तृत रूप से बताया गया : रणवीर कुमार

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पटना से आये नियमित टीकाकरण के राज्य सलाहकार रणवीर कुमार ने उपस्थित सभी प्रतिभगियों को नियमित टीकाकरण के फायदे, इसके रख-रखाव के तरीके, किस रोग में कौन सी टीके लगानी चाहिए, सुरक्षित इंजेक्शन एवं टीकाकरण के कचरे को निष्पादन करने के संबंध में बताया। कहा कि नियमित टीकाकरण को लेकर समय-समय पर विस्तार से बताया जाता है ताकि किसी तरह से कोई परेशानी नहीं हो। नवजात शिशुओं को कई तरह के रोगों से बचाने के लिए संपूर्ण टीकाकरण बहुत जरूरी होता है। न्यूमोकोकल टीका (पीसीवी) निमोनिया, सेप्टिसीमिया, मैनिंजाइटिस या दिमागी बुखार आदि से बचाव करता है। वहीं जन्म होते ही ओरल पोलियो, हेपेटाइटिस बी, बीसीजी के टीके दिए जाते हैं जबकि डेढ़ महीने बाद ओरल पोलियो-1, पेंटावेलेंट-1, एफआईपीवी-1, पीसीवी-1, रोटा-1 की ख़ुराक़ दी जाती है। इसी तरह ढाई महीने बाद ओरल पोलियो-2, पेंटावेलेंट-2, रोटा-2 और साढ़े तीन महीने बाद ओरल पोलियो-3, पेंटावेलेंट-3, एफआईपीवी-2, रोटा-3, पीसीवी-2 इसके अलावा नौ से 12 माह के अंदर मिजल्स 1, मिजल्स रुबेला 1, जेई 1, पीसीवी-बूस्टर, विटामिन ए की टीके लगाए जाने से संबंधित फायदे को विस्तार से समझाया।

एएनएम को टीकाकरण के लिए किया जा रहा है प्रशिक्षित:

10 जून से शुरू हुए इस प्रशिक्षण में 10 व 11 को अररिया की नवनियुक्त 25 एएनएम, मधेपुरा की 10 एवं सुपौल की 13 एएनएम को नियमित टीकाकरण से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जबकिं 13 व 14 को कटिहार की 21, खगड़िया की 13, पूर्णिया की 6 एवं बांका की 8 एएनएम शामिल होंगी। वहीं 15 व 16 को किशनगंज की 20, पूर्णिया की 2, सहरसा की 12, मुंगेर की 14 प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। 10 से 16 जून चलने वाले इस दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में 144 एएनएम को प्रशिक्षित किया जाएगा।

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