बिहार

स्कूली बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के लिये विद्यालयों में विकसित किया जायेगा पोषण वाटिका

अररिया, रंजीत ठाकुर स्कूली बच्चों को सेहतमंद जिंदगी के लिए उचित पोषाहार के महत्व के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से जिले के विभिन्न विद्यालयों में पोषण वाटिका विकसित किया जायेगा। सौ दिवसीय कार्य योजना के तहत विद्यालयों में पोषण वाटिका विकसित करने हेतु एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन बुधवार को कृषि विज्ञान केंद्र अररिया में किया गया। बिहार राज्य मध्यान्ह भोजन योजना समिति अररिया द्वारा आयोजित इस कार्यशाला का उद्घाटन जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने किया। मौके पर कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक व प्रधान डॉ विनोद कुमार, यूनिसेफ के स्कूल पोषण कार्यक्रम के राज्य सलाहकार प्रकाश सिंह, मध्यान भोजन योजना के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, जिला समन्वयक सरोज कुमार, यूनिसेफ के आशुतोष कुमार सहित अन्य मौजूद थे।

बेहतर स्वास्थ्य के लिये उचित पोषाहार जरूरी

कार्यशाला में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि अररिया मुख्य रूप से एक कृषि प्रधान जिला है। संसाधनों की कमी व जागरूकता के अभाव में अररिया राज्य के अति कुपोषित जिलों की सूची में शामिल है। विद्यालयों में पोषण वाटिका विकसित करने का उद्देश्य स्कूली बच्चों को पोषण व स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि पोषण वाटिका को इस तरह विकसित किया जाना चाहिए ताकि बच्चों में इसे लेकर बेहतर समझ विकसित हो सके। विद्यालयों में इसे एक मॉडल के तौर पर विकसित किया जायेगा। ताकि आम लोग भी इसे अपनाने के लिए प्रेरित हों।

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पोषण वाटिका से कम होंगे कुपोषण के मामले

कार्यशाला के तकनीकी सत्र में यूनिसेफ के राज्य सलाहकार प्रकाश सिंह ने प्रतिभागी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को पोषण वाटिका के महत्व व उपयोगिता के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पोषण वाटिका जिले में कुपोषण संबंधी मामलों में कमी लाने में मददगार साबित होगा। कार्यशाला में शामिल प्रधानाध्यापकों को कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ विनोद कुमार द्वारा पोषण वाटिका की स्थापना के उद्देश्य से बीज का एक एक किट व आम का एक पौधा उपलब्ध कराया गया। कृषि विश्वविद्यालय सबौर के उद्यान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ आरबी वर्मा ने पोषण वाटिका से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। केंद्र के वैज्ञानिक डॉ संजीत कुमार व सुमन कुमारी ने पोषण वाटिका में समेकित किट व्याधि प्रबंधन व पोषण वाटिका की स्थापना को लेकर जरूरी तैयारियों की जानकारी दी। कार्यशाला में जिले के विभिन्न विद्यालयों के कुल 50 प्रधानाध्यापक शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन आफताब आलम व धन्यवाद ज्ञापन डॉ संजीत कुमार ने किया।

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