अररिया, रंजीत ठाकुर। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मरीजों को उपलब्ध करायी जाने वाली तमाम सेवाएं अब ऑन लाइन दर्ज होगा। इसे लेकर मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार भव्या एचआईएमएस सॉफ्टवेयर तैया किया गया है। इसमें मरीजों निबंधन से लेकर जांच व इलाज संबंधी तमाम जानकारी डिजीटली दर्ज की जायेगी। भव्या एप का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने के उद्देश्य जिलास्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सोमवार को आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का उद्द्घाटन प्रभारी सिविल सर्जन सह जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मोईज, अस्पताल अधीक्षक डॉ केके कश्यम, डीपीएम संतोष कुमार, डीएमएनई सह कार्यक्रम के नोडल पदाधिकारी पंकज कुमार झा व रोडिक कंस्लटेंसी के रोहित कुमार, पिरामल स्वास्थ्य के पीई राजीव कुमार सहित अन्य ने सामूहिक रूप से किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम, एचएम, बीएमएनई सहित अन्य ने भाग लिया।
स्वास्थ्य सेवाओं का डिजीटेलाइजेशन उद्देश्य प्रभारी सिविल सर्जन डॉ मोईज ने बताया कि भव्या बिहार हेल्थ एप्लीकेशन विजनरी योजना फॉर ऑल का लघु रूप है। इसे राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में डिजिटल कामकाज को बढ़ावा देने व एक ही प्लेटफार्म पर रोगियों का डाटा संग्रह किये जाने के उद्देश्य से लागू किया है। अब भव्या एप पर ही मरीजों का निबंधन होगा, निबंधन के बाद ओपीडी में डॉक्टर भी भव्या एप पर ही मरीजों को सभी तरह की जांच व दवा प्रिसक्राइब करेंगे। मरीज की जांच रिपोर्ट भी भव्या एचआईएमएस पर ही अपलोड की जायेगी।
इसके साथ ही मरीजों को अस्पताल से उपलब्ध की जा रही दवा की जानकारी भी इस एचआईएमएस पर अपलोड रहेगा। रोडिक कंस्लटेंसी के रोहित कुमार ने बताया कि भव्या एप के माध्यम से किसी मरीज से संबंधित पूरी जानकारी डिजीटली संरक्षित रहेगा। इलाज के लिये मरीजों को बार-बार पर्चा नहीं कटाना होगा। और इलाज के लिये पर्चा लेकर आने की झंझट से भी मुक्ति मिल जायेगी। भव्या एप पर मरीजों की आईडी पर उपलब्ध रिकार्ड के आधार पर उनका इलाज संभव हो सकेगा। स्वास्थ्य सेवाएं होंगी बेहतर, निगरानी व निरीक्षण होगा आसान जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम संतोष कुमार ने बताया कि भव्या एप के जरिये पर मरीजों को उपलब्ध तमाम सेवाएं पेपर लेस होगा।
मरीजों के इलाज से संबंधित तमाम रिकार्ड ऑन लाइन दर्ज रहेगा। इससे स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढीकरण के साथ-साथ मरीजों को उपलब्ध सेवाओं की निगरानी व निरीक्षण की प्रक्रिया आसान होगी। मरीजों को इलाज, दवा, जांच से संबंधित रिकार्ड को संरक्षित रखने की जरूरत नहीं होगी। मरीजों के 14 अंकों के आईडी खोल कर डॉक्टर मरीज से संबंधित सभी जानकारी जुटाते हुए उनका इलाज करने में सक्षम होंगे।
मरीजों को दी जा रही सुविधा का रहेगा डिजीटल रिकार्ड
डीएमएनई सह कार्यक्रम के नोडल पदाधिकारी पंकज कुमार झा ने बताया कि भव्या एप के सफल क्रियान्वयन को लेकर चिकित्सकीय सेवाओं से जुड़े तमाम कर्मियों को उपलब्ध कराया जायेगा। भव्या के क्रियान्वयन का मुख्य फायदा ये होगा कि मरीजों को दिये जा रही सुविधाओं का डिजिटल रिकॉर्ड रहेगा। मरीज के डिजिटल रिकॉर्ड को किसी भी अस्पताल में देखा जा सकेगा। बीमारी के लक्षणों के डिजिटल रिकॉर्ड के आधार पर लोकलाइज्ड प्लानिंग में सहयोग मिलेगा। मरीज को दी जा रही सुविधाओं का पूरी तरह सत्यापन हो सकेगा। मरीज को दी गई पैथोलॉजिकल जांच का रिजल्ट मरीजों के मोबाइल पर उपलब्ध होने लगेगा। गर्भवती महिलाओं को उनके एचपी, बीपी व अन्य जांच से संबंधित जानकारी तुरंत उपलब्ध हो सकेगा।