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फिल्म ‘रिटर्न ऑफ रणवीर’ बिहार के नक्सलियों पर आधारित

मुम्बई(राकेश कुमार): ग्रामीण भारत प्राकृतिक संसाधनों और हरे रंग की बेल्टों को पुनर्जीवित करने के साथ रसीला है।ऐसे हरे-भरे पेड़ों से घिरे ऐसे गांव पर शांति और सुकून है और रणवीर सिंह इस गांव का मुखिया है.

जैसा कि यह होता है कि लकड़ी के एक व्यापारी ने हरे रंग की ट्रेस की आंखों को देखा और उन्हें बड़े केंद्रों में काटने और बेचने का फैसला किया और संसाधनों का उतना ही दोहन करना चाहा जितना वे कर सकते हैं लेकिन रणवीर सिंह बीच में आ गया और किसी कीमत पर उन्हें एक भी पेड़ उनके बेटे अर्जुन की मदद से काटने की अनुमति नहीं दी।करीब ढाई तीन दशक पहले की बात है, बिहार में नक्सलियों के बीच रणवीर सेना का खौफ छाया हुआ था। नक्सलियों का सामना करने के लिए इस खूंखार निजी सेना का गठन किया गया था। इसके पहले नक्सली जब चाहते किसी भी बड़े किसान यहां हमला करते और उसकी फसल लूटकर ले जाते. अब उसी रणवीर सेना से प्रेरित होकर एक फिल्म ओटीटी प्लेटफार्म पर आई है.

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सिनेमैटोग्राफर से निर्देशक बने अशोक जमुआर के डायरेक्टोरियल वेंचर फिल्म रिटर्न ऑफ रणवीर को फनफ्लिक्स नामक एक ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज़ होगी। राजस्थान में शूट की गई फिल्म रणवीर सेना से पूरी तरह से प्रेरित है, जो बिहार में भूमि कब्जेदारी के खिलाफ लड़ने के लिए एक संगठन है। यहां कहानी पर्यावरण को बचाने के लिए संघर्ष और जंगल माफिया के खिलाफ लड़ाई के बारे में है और इसमें राजीव सिंह, इंद्राणी तालुकेदार, शैलेंद्र रॉय, सोहन चैधरी और जान्हवी महादिक के साथ अशोक जमुआर मुख्य नायक हैं. इस फ़िल्म में अभिनेत्री इंद्राणी तालुकेदार ने जबरदस्त अदा को बिखेरी है. जो दर्शकों के दिल मे जगह बना लिय है।

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