बिहार

डीएम की अध्यक्षता में जिला-स्तरीय कार्यपालक समिति की बैठक

पटना(न्यूज क्राइम 24): जिला पदाधिकारी, पटना डाॅ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में आज कृषि से संबंधित जिला-स्तरीय कार्यपालक समिति की बैठक हुई। उन्होंने जिला कृषि पदाधिकारी को लक्ष्य के अनुरूप उपलब्धि हासिल करने के लिए प्रयत्नशील रहने तथा योजनाओं का सरकार के निदेशों के अनुरूप सफल क्रियान्वयन करने का निदेश दिया।

गौरतलब है कि सब मिशन आॅन एग्रीकल्चर मैकेनाईजेशन वित्तीय वर्ष 2022-23 के विभिन्न घटकों अन्तर्गत कस्टम हायरिंग सेंटर, स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर की स्वीकृति एवं फार्म मशीनरी बैंक हेतु गाॅव चयन के संबंध में जिला-स्तरीय कार्यपालक समिति (डीएलईसी) का गठन किया गया है। जिला कृषि पदाधिकारी ने डीएम डाॅ. सिंह के संज्ञान में लाया कि सब मिशन आॅन एग्रीकल्चर मैकेनाईजेशन वित्तीय वर्ष 2022-23 अंतर्गत पटना जिला में तीन तरह के कृषि यंत्र बैंक की स्थापना हेतु लक्ष्य दिया गया है।

इसमें कम्पोनेंट-4 अंतर्गत छः कस्टम हायरिंग सेंटर, दो स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना के साथ कम्पोनंेट-6 अंतर्गत चयनित ग्रामों में कृषि यंत्र बैंक की स्थापना का निर्धारित लक्ष्य नौ है। छः कस्टम हायरिंग सेंटर में एक अनुसूचित जाति के लिए तथा चयनित ग्रामों में कृषि यंत्र बैंक की स्थापना के निर्धारित लक्ष्य नौ में दो अनुसूचित जाति के लिए है। कम्पोनेंट-4 अंतर्गत कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना के तहत 10 लाख रूपये के प्रोजेक्ट काॅस्ट पर 40 प्रतिशत अधिकतम चार लाख रुपये का अनुदान देय है।

इसके लिए व्यक्तिगत/प्रगतिशील कृषक/समूह या ग्रामीण उद्यमी आॅनलाईन आवेदन किया गया है। पराली जलाने की घटना को रोकने के लिए स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना हेतु पटना जिला को दो कृषि बैंक का लक्ष्य प्राप्त है। इसके तहत 20 लाख रुपये के प्रोजेक्ट काॅस्ट पर अधिकतम 12 लाख रुपये का अनुदान राशि दिया जाता है। स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर केवल समूहों के लिए है। आत्मा से सम्बद्ध कृषक हित समूह, एफपीओ, जीविका आदि के द्वारा इसकी स्थापना की जा सकती है।

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सब मिशन आॅन एग्रीकल्चर मैकेनाईजेशन वित्तीय वर्ष 2022-23 के अंतर्गत कम्पोनेंट-6 के तहत चयनित ग्रामों में कृषि यंत्र बैंक की स्थापना की जानी है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 1000 से अधिक जनसंख्या वाले गाॅव का चयन उनके विकास की आवश्यकता के आधार पर किया जाना है। डीएम डाॅ. सिंह ने जिला कृषि पदाधिकारी को कस्टम हायरिंग सेंटर एवं स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर की स्वीकृति तथा कृषि यंत्र बैंकों की स्थापना में विभागीय दिशा-निदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने का निदेश दिया।

उन्होंने कहा कि पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व सुनिश्चित करते हुए योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाए। विभागीय निदेशानुसार ‘‘पहले आओ, पहले पाओ’’ के सिद्धांत के नियम का अनुपालन करें। डीएम डाॅ. सिंह ने जिला कृषि पदाधिकारी को प्रखंडों से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर विभागीय निदेशों के अनुरूप समरूपता सुनिश्चित करते हुए गाॅवों का चयन सुनिश्चित करने का निदेश दिया। डीएम डाॅ. सिंह ने कहा कि कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना लघु एवं सीमांत किसानों तक उन्नत कृषि यंत्रों से खेती करने की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु की जा रही है।

कृषि यंत्र बैंक एक ऐसा केन्द्र है जहाँ कृषि के विभिन्न शष्य क्रियाओं यथा जुताई, बुआई, कटाई, दौनी आदि से संबंधित उन्नत कृषि यंत्र उपलब्ध रहते हैं। डीएम डाॅ. सिंह ने कहा कि कृषि यंत्र बैंक की स्थापना में महिला सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करने के लिए जीविका समूहों को प्राथमिकता दी जा रही है। कृषि यंत्र बैंक से किसान अपनी आवश्यकतानुसार भाड़े पर कृषि यंत्रों का उपयोग कर समय पर खेती कर पाते हैं जिससे फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि के साथ किसानों की शुद्ध आय में भी वृद्धि होती है। कृषि यंत्र बैंक में फसल अवशेष प्रबंधन के लिए उपयोगी यंत्रों को प्राथमिकता दी जाती है।

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