बिहार

बीएलटीएफ की बैठक में मिजल्स-रूबेला टीकाकरण अभियान की सफलता पर चर्चा

अररिया(रंजीत ठाकुर): मिजिल्स-रूबेला संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण को विभागीय प्रयास जारी है। इसी क्रम में गुरुवार को अररिया पीएचसी में आयोजित बीएलटीएफ की बैठक में संबंधित मामलों पर विस्तृत चर्चा की गयी।

पीएचसी सभागार में आयोजित बैठक में डीआईओ डॉ मोईज, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ शुभान अली, अररिया बीडीओ आशा कुमारी, पीएचसी प्रभारी डॉ जावेद, सीडीपीओ बीना राम, डीसीएम सौरव कुमार, रमन कुमार, बीएचएम खतीब अहमद, बीसीएम सरवर आलम, बीएएम मनीष कुमार, विक्की कुमार सभी महिला पर्यवेक्षिका सहित अन्य मौजूद थे। आयोजित बैठक में एमआर यानी मिजिल्स रूबेला टीकाकरण से वंचित शत प्रतिशत बच्चों के टीकाकरण संबंधी रणनीति पर विचार किया गया।

टीकाकरण रोग से बचाव का एकमात्र जरिया

डीआईओ डॉ मोईज ने कहा कि जिले के कुछ प्रखंडों में मिजिल्स-रूबेला का मामला सामने आने के बाद विभागीय स्तर पर से इसे लेकर सतर्कता बरकरार है। टीकाकरण से वंचित बच्चों का सर्वे कराया गया है। शत प्रतिशत सर्वेक्षित बच्चों के टीकाकरण को लेकर विभागीय प्रयास जारी है।

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डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ शुभान अली ने बताया कि मिजिल्स-रूबेला रोग से बचाव का टीकाकरण ही एक मात्र उपाय है। टीकाकरण का संपूर्ण डोज लेना अनिवार्य है। वर्ष 2023 तक देश को मिजिल्स-रूबेला रोग से पूर्णत: मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित है। लिहाजा शत प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण जरूरी है। साथ ही जमीनी स्तर पर इसके खतरों के प्रति आम लोगों को जागरूक करने की भी जरूरत है।

शतप्रतिशत टीकाकरण के लिये सामूमुहिक सहयोग जरूरी

बीडीओ अररिया आशा कुमारी ने कहा कि शत प्रतिशत बच्चों के टीकाकरण को लेकर विभिन्न विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने का निर्देश दिया। उन्होंने स्वास्थ्य, आईसीडीएस व जीविका दीदियों की मदद से वंचित बच्चों को चिह्नित करते हुए उनका टीकाकरण सुनिश्चित कराने की बात कही।

पीएचसी प्रभारी अररिया डॉ जावेद ने कहा कि शत प्रतिशत बच्चों के टीकाकरण में को लेकर आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका, जीविका दीदी, आशा कार्यकर्ता व संबंधित क्षेत्र की एएनएम की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि संबंधित क्षेत्र की स्वास्थ्य कार्यकर्ता वंचित बच्चों को चिह्नित कर उनका टीकाकरण सुनिश्चित करायें। उन्होंने कहा कि टीकाकरण को लेकर क्षेत्र में जागरूकता संबंधी गतिविधियां आयोजित की जाये। ताकि टीका के महत्व से आम लोगों को अवगत कराते हुए शतप्रतिशत उपलब्धि हासिल की जा सके।

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