फुलवारीशरीफ(अजित यादव): राजधानी पटना से 15 किलोमीटर दूर पुनपुन नदी पर अवस्थित राजघाट नवादा में मकर संक्रांति के अवसर पर लगने वाला वर्षो पुराना मेला कड़ाके की ठंड के बावजूद सैंकड़ो श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ से गुलजार रहा । नौबतपुर पुनपुन अकौना नेमा अकबर पुर जानीपुर पिपरा शेखपुरा साबरचक अधपा निजामपुर धराय चक समेत आस पास के दर्जनों पंचायतों के लोगो ने राजघाट नवादा मेला में मस्ती की । इससे पहल मकर संक्रांति को लेकर हजारों लोगों ने पुनपुन नदी में डुबकी लगाई। इस मौके पर श्रद्धालु नदी में स्नान के बाद दान-पुण्य करने में लगे रहे। पुनपुन में स्नान के लिए लोग तड़के ही नदी तट पर जुट गए थे.
ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन नदी में स्नान करने और तिल का दान करने से सारे पाप कट जाते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। विद्वानों के मुताबिक इसी दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में जाते हैं और दक्षिणायन से उत्तरायण हो जाते हैं। पंडितों का कहना है कि सूर्य के धनु से मकर राशि में जाने से ‘खरमास’ भी समाप्त हो जाता है और शुभ कार्य प्रारंभ हो जाते हैं। मकर संक्रांति के दिन चूड़ा-दही और तिलकुट खाने की भी परंपरा है। इस दिन तिल खाने और तिल दान में देने को भी शुभ माना जाता है।