फुलवारीशरीफ, अजीत। मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती के अवसर पर मौलाना आज़ाद कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, नेउरा में मंगलवार को “मौलाना आज़ाद दिवस” का भव्य आयोजन किया गया. कार्यक्रम में बिहार के राज्यपाल महामहिम आरिफ मोहम्मद खान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे और शिक्षा को राष्ट्रीय विकास की आधारशिला बताते हुए समावेशी शिक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान, पवित्र कुरान के पाठ और कॉलेज तराना से हुई, जिसने पूरे समारोह को गरिमामयी बना दिया. स्वागत भाषण में कॉलेज के अध्यक्ष डॉ. अहमद अब्दुल हई ने संस्थान की वर्ष 1987 से अब तक की प्रगति यात्रा को सामने रखा और बताया कि कैसे यह कॉलेज खासकर अल्पसंख्यक एवं कमजोर वर्गों के छात्रों के लिए शिक्षा का मजबूत आधार बना है। उपाध्यक्ष एस. एस. मशहदी ने मौलाना आज़ाद की शिक्षा-दृष्टि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षा ही प्रगति की असली शक्ति है और राष्ट्रीय शिक्षा दिवस उनके आदर्शों को आत्मसात करने का अवसर है।
अपने संबोधन में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में मौलाना आज़ाद के योगदान को याद किया. उन्होंने कहा, “मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का जीवन एकता, धर्मनिरपेक्षता और बुद्धि–विकास का प्रतीक था. शिक्षा राष्ट्रीय विकास की आधारशिला है—यह उनका विश्वास था और यह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा.” राज्यपाल ने शिक्षकों, छात्रों और संस्थानों से वैज्ञानिक सोच, सद्भाव और सामाजिक उत्तरदायित्व को अपनाने की अपील की। कार्यक्रम में वक्ताओं ने शिक्षा के क्षेत्र में आज़ाद की दूरदर्शिता, सार्वभौमिक पहुंच, गुणवत्तापूर्ण शिक्षण और राष्ट्रीय एकता के उनके संदेश को विस्तार से याद किया। इस अवसर पर बिहार इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बी.टेक के चार छात्र-छात्राओं को राज्यपाल द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन और राष्ट्रगान के साथ हुआ।
