बिहार

इलाजरत टीबी मरीजों को उपलब्ध करायें निक्षय मित्र योजना का लाभ

अररिया, रंजीत ठाकुर प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत मरीजों को जरूरी पोषण व अन्य आवश्यकत सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से जिले में निक्षय मित्र योजना संचालित की जा रही है। गौरतलब है कि वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित है। विभागीय स्तर से इसे लेकर जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। इसमें निक्षय मित्र योजना का संचालन बेहद महत्वपूर्ण है। गौरतलब है कि योजना के तहत इलाजरत टीबी मरीजों के पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिये निक्षय मित्रों के सहयोग से फुड बास्केट प्रदान किया जाता है। टीबी उन्मूलन संबंधी निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति के लिये जिला स्वास्थ्य विभाग ने प्रमुखता के आधार पर इलाजरत टीबी मरीजों को निक्षय मित्र योजना का लाभ उपलब्ध कराने को लेकर जरूरी निर्देश जारी किया है। ताकि मरीज बेहतर चिकित्सकीय सुविधाएं व पोषण सहायता के माध्यम से बीमारी से जल्द निजात पा सकें।

योजना लाभ के लिये मरीजों की सहमति जरूरी

जिला यक्ष्मा रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ वाईपी सिंह ने बताया कि निक्षय मित्र योजना के लाभ के लिये इलाजतर मरीजों की सहमती प्राप्त करना जरूरी है। ताकि उन्हें योजना का लाभ उपलब्ध कराया जा सके। सीडीओ डॉ वाईपी सिंह ने बताया कि टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा में यह पाया गया है कि जिले में इलाजरत सैकड़ों मरीजों की सहमती प्राप्त नहीं होने की वजह से वे अब तक योजना लाभ से वंचित है। इसे देखते हुए आगामी 22जनवरी तक जिले के विभिन्न टीबी यूनिट में इलाजरत टीबी मरीजों की सहमती प्राप्त कर उन्हें योजना लाभ से आच्छादित करने के लिये निर्देशित किया गया है।

जिले में 3592 टीबी मरीज इलाजतर, 792 कंसेंट पेंडिंग

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जिला टीबी व एड्स समन्वय सह निक्षय मित्र योजना के नोडल अधिकारी दामोदर शर्मा ने कहा कि फिलहाल जिले में कुल 3592 टीबी मरीज इलाजरत हैं। जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि अररिया में अररिया में 1118, फारबिसगंज में 721, रानीगंज में 452, जोकीहाट में 288, भरगामा में 295, नरपतगंज में 161, पलासी में 340, कुर्साकांटा में 98 व सिकटी में कुल 119 टीबी मरीज इलाजरत हैं. जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि सभी टीबी यूनिट से प्राप्त कुल 2800 कंसेंट में 792 कंसेंट पेंडिंग हैं। संबंधित अधिकारियों को आगामी 22 जनवरी तक मरीजों का कंसेंट प्राप्त करने के लिये निर्देशित किया गया है। संबंधित मामलों की समीक्षा को लेकर टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत विशेष समीक्षात्मक बैठक आयोजित किये जाने की जानकारी उन्होंने दी।

समय पर पहचान व उपचार से टीबी से पूर्णत: निजात पाना संभव

सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने कहा की टीबी एक गंभीर बीमारी है। लेकिन समय पर इसकी पहचान व समुचित उपचार से यह पूरी तरह ठीक हो सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार निक्षय मित्र योजना के तहत टीबी मरीजों को जरूरी पोषण सहायता प्रदान करना सरकार की महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने सक्षम व संपन्न लोगों से निक्षय मित्र बनकर राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में अपनी महत्वपूर्ण हिस्सेदारी निभाने की अपील की।

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