बिहार

102वां वर्षगांठ : मनोकामना पूर्ण करने वाली मां दुर्गा

पटनासिटी, रॉबीन राज। मां दुर्गा की पूजा-अर्चना का नौ दिनों तक चलने वाला त्योहार शारदीय नवरात्र शुरू हो गया है। गुरूवार को नवरात्र के प्रथम दिन माता शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की गयी। राजधानी के सभी प्रमुख देवी मंदिरों और देव स्थानों में सुबह से ही मां दुर्गा के प्रथम रूप मां शैलपुत्री की पूजा शुरू हुई। मंदिर से लेकर घर तक लोग आराधना में लीन हैं।

वहीं प्रत्येक वर्ष के तरह इस वर्ष भी पटनासिटी में दुर्गा पूजा समिति दरीबाबाज बहादुर क्रिकेटर संघ द्वारा मां की प्रतिमा को स्थापित किया गया हैं और विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना की जा रही है। इस बार 102वाँ वर्षगाँठ मनाया जा रहा हैं जिसको लेकर स्थानीय लोगों में उत्साह का माहौल हैं। ज्ञात हो की पटना शहर में ऐसे कुछ ही स्थान जहां 100 वर्षों से भी अधिक समय से माँ की प्रतिमा स्थापित की जाती हैं।

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दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष बंटी पटेल बताते हैं की सन् 1922 में पहली बार माँ की प्रतिमा स्थापित की गई थी और उस समय से लेकर अभीतक मां की प्रतिमा को स्थापित कर विधि-विधान के साथ पूजा किया जाता हैं। इस स्थान की विशेषता यह की यहाँ आने वाले सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती हैं। साथ ही दरीबाबाज पूजा समिति की बड़ी माँ और कालि स्थान पूजा की छोटी माँ दोनों के बीच खोईचा मिलन का महासंगम होता हैं। जिसमें उपस्थित हजारों भक्तो की आँखे इस अलौकिक दृश्य को देखकर नम हो जाती हैं। खोईचा मिलन का आयोजन विजय दशमी के अगले दिन संध्या 4 बजे की जाती हैं। पूजा समिति के सदस्य में दीप कमल, धर्मेंद्र पटेल, राकेश कुमार यादव, शानु बाबा, संजय कुमार, अनिमेष सिंह, बसंत बाबा, बादल कुमार, अंकित समेत अन्य शामिल हैं।

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