फुलवारी शरीफ, अजीत। अर्न्तराष्ट्रीय संस्था “आईपास डेभलप्मेन्ट फाउण्डेशन” एवं बिहार ग्राम विकास परिषद् की ओर से संचालित “साझा प्रयास नेटवर्क पार्टनर समता ग्राम सेवा संस्थान के सहयोग से महिलाओं के यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं के विषय पर जागरूकता का कार्यक्रम आयोजन किया गया, जिसमें महिलाओं को एमटीपी एक्ट के बारे में बताया गया. समता ग्राम सेवा संस्थान के सचिव रघुपति सिंह के मार्गदर्शन में परिषद् के प्रतिनिधि श्याम कुमार ने आशा दीदीयों को जागरूक किया.
उन्होंने सुरक्षित गर्भ समापन एवं परिवार नियोजन से संबंधित एमटीपी एक्ट 1971 एवं इस कानून में संशोधन 2021 के बारे में बताया गया. उन्होंने कहा कि कानून की जानकारी के अभाव में ग्रामीण स्तर पर गर्भवती महिलाएं गर्भ समापन के लिए अप्रशिक्षित सेवा दाताओं के पास जाकर अपनी जान को खतरे में डालती है जबकि आम धारणा यह है कि गर्भपात गैरकानूनी है. विशेष परिस्थिति में कानून इसकी इजाजत देती है जैसे गर्भवती महिला के जान को खतरा हो, गर्भनिरोधक साधनों के असफल हो जाने पर, बलात्कार के द्वारा गर्भ ठहरने पर, होने वाले बच्चों के विकलांग होने की जानकारी मिलने पर गर्भ समापन की अनुमति कानून देता है.