अररिया(रंजीत ठाकुर): भारत नेपाल सीमा से सटे जोगबनी बाजार में बीते शनिवार को नगर परिषद जोगबनी के तमाम जनप्रतिनिधि के द्वारा जोगबनी थाना अध्यक्ष भगत लाल मंडल के विरोध में टायर जलाकर घंटों प्रदर्शन किया था।
जिसमें जनप्रतिनिधियों के द्वारा थानाध्यक्ष एक अन्य चोकीदार पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया था। वहीं लगभग 3 घंटों हाई वोल्टेज ड्रामा जोगबनी सड़क जाम करके चलता रहा। घटना की सूचना पर फारबिसगंज अनुमंडल पदाधिकारी शुभांग कुमार मिश्र जोगबनी पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को समझा-बुझाकर सड़क पर से जाम हटवाया था।
वहीं प्रदर्शनकारियों ने अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को थाना अध्यक्ष के विरुद्ध लिखित आवेदन देकर कार्यवाई करने का गुहार लगाया था। जनप्रतिनिधियों के आवेदन के आलोक में आज सोमवार को अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी जोगबनी के इंद्रानगर वार्ड 04पहुंच कर मामले का तहकीकात किया।
तहकीकात में उपमुख्य पार्षद अनीता देवी के पुत्र बिट्टू चौधरी के करीबी साथी विवेक सिंह पिता कमलेश सिंह के घर पहुंचे,घर के सदस्यों से पूछताछ किया, तथा आसपास के लोगों से भी घटना के संबंध में जानकारी लिया।बता दे कि विवेक सिंह को थाना अध्यक्ष भगत लाल मंडल ने शनिवार को एक मामले के आरोप में गिरफ्तार करने उनके घर गए थे।
जिसपर उनके करीबी साथी बिट्टू चौधरी ने आरोपी को गिरफ्तार करने से रोका, और आरोपी को भगा दिया। इसी बात को लेकर थाना अध्यक्ष के विरोध में सड़क जाम व आगजनी जैसी घटना को अंजाम दिया गया था। मिली जानकारी के अनुसार इंद्रानगर वार्ड- 4 निवासी शत्रुघ्न राउत के पुत्री का आपत्तिजनक फोटो वायरल हुआ था। फोटो वायरल करने के मामले में उसी वार्ड के शिवम कुमार सिंह पिता राजकुमार सिंह को थाना अध्यक्ष भगत लाल मंडल के द्वारा जेल भेजा गया था।
जेल से छूट कर आने के बाद शिवम कुमार के द्वारा पीड़ित शत्रुघ्न राउत के घर 4-5 साथियों के साथ मारपीट व धमकी देने का मामला सामने आया था जिसको लेकर पीड़ित ने पुनः आवेदन देकर अपनी जान का गुहार लगाया था। शत्रुघ्न राउत के द्वारा दिए गए आवेदन पर थाना अध्यक्ष ने शिवम कुमार सिंह एवं विवेक कुमार के घर पहुंच कर खोजने का प्रयास किया था।
दोनों के द्वारा शत्रुघन सिंह एवं पप्पू पटेल को केस उठाने की धमकी दिया गया था धमकी दिए जाने के ही आलोक में शत्रुघ्न सिंह के द्वारा जोगबनी थाना में आवेदन दिया गया था। इसी बात को लेकर जोगबनी क्षेत्र में बवंडर मच गया था। वहीं घटना की बारीकी से अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के द्वारा जांच किया जा रहा है। जांच के बाद ही मामले का खुलासा हो पाएगा कि कौन दोषी है। पुलिस या जनप्रतिनिधि।