अररिया(रंजीत ठाकुर): रक्त हमारे शरीर का आवश्यक तरल पदार्थ है। जो शरीर को सुचारू रूप से कार्य करने में मदद करता है। इंसान के शरीर में खून का उत्पादन एक नैसर्गिक प्रक्रिया है। लेकिन कुछ गंभीर बीमारी, दुर्घटना सहित अन्य वजहों से शरीर में रक्त की मात्रा प्रभावित होती है। ऐसे में किसी दूसरे व्यक्ति के रक्त की जरूरत होती है। इन आपात परिस्थितियों में रक्त की जरूरत को पूरा करने के लिये रक्तदान जरूरी है। इसके प्रति लोगों को जागरूक व प्रेरित करने के उद्देश्य से हर साल 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस का आयोजन किया जाता है। विश्व रक्तदान दिवस के मौके पर जिले में ब्लड बैंक अररिया सहित अन्य सामाजिक संगठन द्वारा जगह जगह रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। अररिया कॉलेज अररिया स्थित सेहत केंद्र में आयोजित शिविर का उद्घाटन ब्लड़ बैंक के इंचार्ज डॉ राजेंद्र कुमार, कॉलेज के प्राचार्य डॉ अशोक कुमार पाठक, डीपीएम एड्स अखिलेश कुमार सिंह, एएनएम के संयोजक डॉ शफीक, केयर इंडिया के डीटीएल, पल्लवी कुमारी, डीटीओएफ डोली वर्मा, डिस्ट्रिक्ट कंस्लटेंट नौशाद आलम, ब्लड़ बैंक के एलटी बादल कुमार, मदन यादव, एएनएम नील मनी सहित अन्य ने सामूहिक रूप से किया। शिविर में भाग लेते हुए बड़ी संख्या में युवाओं ने अपना रक्त दान किया।
हमारे शरीर को तरोताजा व ऊर्जावान बनाता है रक्तदान :
रक्तदान के महत्व की जानकारी देते हुए ब्लड़ बैंक के इंचार्ज डॉ राजेंद्र कुमार ने कहा कि रक्तदान से अनजाने में कई लोगों की ज़िंदगी बचायी जा सकती है। हीमोफीलिया, एनीमिया जैसी बीमारी, प्रसव के दौरान व दुर्घटना के गंभीर मामलों में दान स्वरूप प्राप्त रक्त जरूरतमंदों के लिये जीवन रक्षक साबित होता है। उन्होंने कहा कि रक्तदान से हमारे शरीर में नई जान आती है। क्योंकि रक्तदान के बाद शरीर में ताजा रक्त का उत्पादन होता है। जो हमारे शरीर को तरोताजा व ऊर्जावान बनाता है। अररिया कॉलेज के प्राचार्य डॉ अशोक कुमार पाठक ने रक्तदान को महत्वपूर्ण बताते हुए समाज के युवाओं को इसमें बढ़-चढ़ कर अपनी भागीदारी निभाने की अपील की। उन्होंने कहा कि रक्त की आवश्यकता हमेशा आपूर्ति से अधिक होती है। इसलिये हर स्तर पर लोगों को स्वैच्छिक रक्तदान के लिये प्रेरित व प्रोत्साहित किया जाना चाहिये।
रक्तदान से जरूरतमंदों को मिलता है जीवनदान :
रक्तदान को महत्वपूर्ण बताते हुए डीपीएम एड्स अखिलेश कुमार सिंह ने कहा कि रक्तदान से मुश्किल परिस्थितियों में जरूरतमंदों को जीवनदान मिलता है। उन्होंने कहा कि जिले में फिलहाल थैलेसीमिया के 33 मरीज हैं। जिन्हें महीने में दो से तीन बार ब्लड चढ़ाने की जरूरत होती है। कुछ एक परिवार के दो से तीन बच्चे थैलेसीमिया रोग से पीड़ित हैं। रोगग्रस्त ऐसे लोगों को रक्तदान से नया जीवनदान मिलता है। इतना ही नहीं प्रसव के जटिल मामले, एनीमिया व दुर्घटना के गंभीर मामलों में लोगों द्वारा स्वच्छिक रूप से किया गया रक्तदान लोगों की जान बचाने में महत्वपूर्ण साबित होता है। एनएसएस के संयोजक डॉ शफीक ने बताया कि रक्तदान से कोई नुकसान नहीं बल्कि इसके कई लाभ हैं। इसलिये लोगों को बढ़-चढ़ कर रक्तदान संबंधी गतिविधियों में अपनी भागीदारी निभानी चाहिये।