बिहार

एचआईवी एड्स नियंत्रण को स्वास्थ्य विभाग ने पीयर एजुकेटर किशोर-किशोरियों के लिए किया एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

पूर्णिया, (न्यूज़ क्राइम 24) जिले में संचालित राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं आयुष्मान भारत के अंतर्गत स्वास्थ्य एवं आरोग्य कार्यक्रम को सुदृढ़ करने हेतु जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से जिला स्तर पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन होटल सेंटर प्वाइंट, पूर्णिया में किया गया। कार्यशाला में सभी प्रखंड के प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक, पीयर एजुकेटर के किशोर-किशोरियों और एचआईवी काउंसेलर को जिला स्वास्थ्य अधिकारी और यूनिसेफ नई दिल्ली एवं बिहार के विशेषज्ञ अधिकारियों द्वारा एचआईवी नियंत्रण के लिए लोगों को जागरूक करने और संक्रमित व्यक्ति को बेहतर चिकित्सकीय सहायता प्रदान करने के लिए आवश्यक जानकारी दी गई।

सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया के साथ साथ संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ कृष्ण मोहन दास, एआरटी सेंटर पूर्णिया के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सौरभ कुमार और यूनिसेफ नई दिल्ली से विशेषज्ञ डॉ शेख मोहम्मद सलीम और डॉ अमन चुग, यूनिसेफ बिहार के प्रोग्राम मैनेजर शिवेंद्र पंड्या, स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ सिद्धार्थ रेड्डी और डॉ प्रेरणा कॉल द्वारा प्रखंड अधिकारियों और पीयर एजुकेटर को समुदाय के लोगों को एचआईवी एड्स से सुरक्षा के लिए ध्यान रखने एवं संक्रमित लोगों के लिए जिला स्वास्थ्य समिति में उपलब्ध सुविधाओं के लाभ उठाने के लिए जागरूक करने की जानकारी दी गई। इस दौरान एसीएमओ डॉ आर पी मंडल, आरपीएम कैशर इकबाल, डीपीएम सोरेंद्र कुमार दास, डीसीएम संजय कुमार दिनकर, डीएमई अधिकारी आलोक कुमार, डीआईओ डॉ विनय मोहन और सभी प्रखंड के बीसीएम, एचआईवी काउंसेलर और सभी प्रखंड से 02 पीयर एजुकेटर उपस्थित रहे।

हर साल जागरूकता से एचआईवी संक्रमण में आई 44 प्रतिशत की कमी :

कार्यशाला को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने कहा कि एचआईवी एड्स एक संक्रामक बीमारी है। एक बार ग्रसित हो जाने के बाद संक्रमित व्यक्ति द्वारा नियमित रूप से आवश्यक इलाज नहीं करवाने से संबंधित व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। इससे सुरक्षा के लिए लोगों को जागरूक करने हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा आवश्यक कार्यक्रम का संचालन किया जाता है जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग एचआइवी संक्रमण से सुरक्षित रह सकें। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में जांच एवं उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। समय से एचआईवी संक्रमण की पहचान करते हुए आवश्यक स्वास्थ्य सुविधा का लाभ उठाने से लोग एचआइवी संक्रमण से सुरक्षित रह सकते हैं। सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने बताया कि एचआईवी एड्स रिपोर्ट 2023 के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को एचआईवी संक्रमण के प्रति जागरूकता अभियान चलाने से देश में वर्ष 2010 से वर्ष 2023 तक हर साल 44 प्रतिशत की कमी आई है। जागरूकता अभियान चलाने के लोगों द्वारा एचआईवी से सुरक्षा के लिए उपलब्ध सुविधाओं का ज्यादा लाभ उठाया जा रहा है जिससे देश में एचआईवी संक्रमण से होने वाले मृत्यु में 79 प्रतिशत की कमी पाई गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा समुदाय स्तर पर लोगों को एचआइवी एड्स के प्रति जागरूक किया जाता है जिससे कि लोग संबंधित बीमारी से सुरक्षित और स्वस्थ्य रह सकें।

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सभी प्रखंडों में समुदाय स्तर पर 10 से 19 वर्ष के बच्चों को बनाया गया है पीयर एजुकेटर :

डीसीएम संजय कुमार दिनकर ने बताया कि एचआईवी संक्रमण से सुरक्षा के लिए लोगों को जागरूक करना आवश्यक है जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) चलाया जाता है। इसके तहत सभी प्रखंडों में कार्यरत आशा कर्मियों द्वारा अपने क्षेत्र के 10 से 19 वर्ष के किशोर-किशोरियों को पीयर एजुकेटर बनाते हुए उनके द्वारा स्थानीय लोगों को एचआईवी एड्स के प्रति जागरूक किया जाता है। इसके लिए सभी पीयर एजुकेटर को स्वास्थ्य विभाग द्वारा आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाता है। पीयर एजुकेटर द्वारा जागरूकता अभियान चलाने से समुदाय के लोग एचआईवी संक्रमण के प्रति जागरूक होते हुए संक्रमण से सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध सुविधाओं का आवश्यक लाभ उठा सकते हैं। कार्यशाला में स्वास्थ्य एवं यूनिसेफ अधिकारियों द्वारा सभी प्रखंड के पीयर एजुकेटर से क्षेत्र में एचआईवी संक्रमण के लिए लोगों को जागरूक करने और संक्रमित व्यक्ति की पहचान होने पर उनके लिए जिला अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं के प्रति जागरूक करने की जानकारी ली गई जिसमें संक्रमित व्यक्ति को विभिन्न चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराने और विभिन्न विकल्पों के माध्यम से लोगों को एचआइवी संक्रमण से सुरक्षा के लिए जागरूक करने हेतु प्रदर्शन करने के लिए 03 पीयर एजुकेटर में शामिल बनमनखी प्रखंड के ब्यूटी कुमारी और अंशु राज तथा के.नगर प्रखंड के रिया कुमारी को स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा पुरस्कृत किया गया।

संक्रमित ड्रग द्वारा बिहार में 2.86 प्रतिशत लोग हो रहे एचआईवी संक्रमित :

यूनिसेफ बिहार के प्रोग्राम मैनेजर शिवेंद्र पंड्या ने बताया कि असुरक्षित यौन संबंध के साथ साथ संक्रमित ड्रग्स के उपयोग करने और एचआईवी संक्रमित गर्भवती महिलाओं से जन्म लेने वाले बच्चे एचआईवी संक्रमण से ग्रसित हो सकते हैं। नेशनल एड्स कंट्रोल संगठन (नाको) के वर्ष 2023 के रिपोर्ट के अनुसार भारत में 09.03 प्रतिशत लोग जबकि बिहार में 02.86 प्रतिशत लोग संक्रमित ड्रग्स के उपयोग करने से एचआईवी संक्रमण से ग्रसित पाए जा रहे हैं। नाको के रिपोर्ट के अनुसार महिला सेक्स वर्कर से असुरक्षित यौन संबंध के कारण भारत में 01.85 प्रतिशत लोग जबकि बिहार में 0.62 प्रतिशत लोग, पुरूष सेक्स वर्कर से असुरक्षित यौन संबंध के कारण भारत में 03.26 प्रतिशत लोग जबकि बिहार में 0.41 प्रतिशत लोग और संक्रमित गर्भवती महिलाओं से जन्म लेने वाले बच्चे में भारत में 0.22 प्रतिशत बच्चे जबकि बिहार में 0.24 प्रतिशत बच्चे एचआईवी संक्रमित पाए जा रहे हैं। नाको रिपोर्ट 2023 के अनुसार बिहार में 15 से 24 आयुवर्ग के 02.61 प्रतिशत बच्चे एचआईवी से ग्रसित पाए जा रहे हैं। इससे सुरक्षा के लिए लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करने के आवश्यकता है। इससे लोग असुरक्षित यौन संबंध को नियंत्रित करने के साथ साथ संक्रमित होने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध सुविधाओं का लाभ उठाते हुए अपना जीवन सुरक्षित रख सकते हैं।

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