फुलवारी शरीफ, अजित : पाक का महीना रमजान इबादत का महीना कहा जाता है ऐसे में बड़ों के साथ नन्हे रोजेदारों ने भी रोजा रखकर अल्लाह से इबादत की. वही सेहरी में जग कर सेहरी में शामिल हुए. फुलवारी शरीफ के ईसापूर निवासी मोहम्मद फैसल के 6 साल के बेटे मोहम्मद आतिफ जानेसार ने इस बार अपना पहला रोजा रखा है. यूकेजी में पढ़ने वाले नन्हे रोजेदार आतिफ बड़ों कि तरह रोजा रखने के साथ-साथ इबादत भी कर रहा है. आतिफ जानिसार कि मां ने बताया कि मना करने के बावजूद रोजा रखने की जिद करने लगा और अपने नाना के साथ सहरी करने के बाद रोजा रख लिया. आतिफ के नाना मोहम्मद जानेसार प्रसिद्ध समाज सेवी और वसिका नवीस (कातिब ) हैं.
6 साल के नन्हे रोजेदार आतिफ जानेशार ने बताया कि नानू मो. जानेशार व अब्बू मो फैसल कहते है कि रमज़ान में अल्लाह कि इबादत का सवाब अधिक है.इसलिए रोजा रखने के साथ नमाज भी अदा करता हूँ. अहले सुबह सभी के साथ सेहरी करना अच्छा लगता है. मां के साथ दिन में नमाज अदा की और कुरान भी पढ़ते है. मां ने कहा मेरे नन्हे रोजेदार आतिफ कि हर दुआ अल्लाह कबूल करें यही हमारे परिवार के सभी सदस्यों कि अल्लाह से गुजारिश है. पहला रोजा रखने पर परिवार के सभी सदस्यों ने नन्हे रोजेदार आतिफ को गिफ्ट और ढेर सारे दुआएं दी.
फुलवारी शरीफ और आसपास के मुस्लिम इलाकों में रमजान के महीना को लेकर उत्साह का माहौल है बाजार में इफ्तार के व्यंजनों के खरीदारी के लिए बाजार में भीड़ भाड़ से बाजार भी गुलजार रहता है. घरों में महिलाएं भी दिन भर इफ्तार के व्यंजनों की तैयारी में लगी रहती है. साथ ही साथ रमजान के महीना में विशेष इबादत व कुरान शरीफ की तिलावत भी करते हैं.रमजान सिर्फ भूखे-प्यासे रहने का नाम नहीं है, बल्कि यह आत्मसंयम, खुदा की इबादत और नेक कामों का महीना है. यह हमें संयम, सहानुभूति और परोपकार की सीख देता है। जो इस महीने में ईमान और नेक नीयत से इबादत करता है, उसके गुनाह माफ कर दिए जाते हैं और अल्लाह की रहमत उसे मिलती है।