बिहार

समय पर बाल रोगों की पहचान व निदान में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की भूमिका अहम

अररिया, रंजीत ठाकुर बाल रोगों की समय पर पहचान व इसका उपचार सुनिश्चित कराने के उद्देग्य से जिले में संचालित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम बेहद प्रभावी साबित हो रहा है. कार्यक्रम के तहत विभिन्न रोग से ग्रसित 0 से 18 साल तक के बच्चों का नि:शुल्क जांच व इलाज का प्रावधान है. योजना के तहत बच्चों में होने वाले दर्जनों रोगों के नि:शुल्क इलाज किया जाता है. इसमें चर्मरोग, दांत व आंख संबंधी रोग, टीबी, एनीमिया, हृदय संबंधी रोग, श्वसन संबंधी रोग, जन्मजात विकलांगता, बच्चे के कटे होंठ व तालू संबंधी रोग शामिल हैं. योजना के माध्यम से हृदय में जन्मजात छेद सहित अन्य हृदय संबंधी अन्य रोगों का इलाज बेहद आसान हो चुका है.

प्रारंभिक अवस्था में रोग की पहचान व उपचार कार्यक्रम का उद्देश्य

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सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने बताया कि बाल रोगों को नियंत्रित करने में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की भूमिका महत्वपूर्ण है. प्रारंभिक अवस्था में बच्चों को होने वाले रोग का पता लगाकर इसे उपचारित करना कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बच्चों की स्वास्थ्य जांच, उपचार व आवश्यकतानुसार सर्जरी की सुविधा प्रदान की जाती है. जांच व इलाज की पूरी प्रक्रिया नि:शुल्क है. इसलिये इस महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजना के प्रति जागरूक होकर लोगों को इसका अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील उन्होंने की.

स्कूल व आंगनबाड़ स्तर पर होती है बच्चों की स्क्रीनिंग
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम संतोष कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र स्तर तक क्रियान्वित की जाती है. ताकि अधिक से अधिक बच्चों तक कार्यक्रम का लाभ पहुंचाया जा सके. इसके लिये विशेष चिकित्सा दल के माध्यम से नियमित अंतराल पर बच्चों के सेहत की जांच की जाती है. ताकि समय पर रोग का पता लगाकर इसे उपचारित किया जा सके.
बीते अक्टूबर माह में 05 हजार से अधिक बच्चों की हुई स्क्रीनिंग राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक डॉ प्रशांत कुमार झा ने बताया कि स्कूल व आंगनबाड़ी स्तर पर बच्चों के समुचित स्वास्थ्य जांच के लिये प्रखंडवार चलंत चिकित्सा दल गठित है. जिले में कुल 09 चलंत चिकित्सा दल सक्रिय है. जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि बीते अक्टूबर माह में चलंत चिकित्सा दल के माध्यम से विभिन्न प्रखंड अंतर्गत 44 विद्यालयों के कुल 03 हजार 569 बच्चों की स्क्रीनिंग की गयी. वहीं विभिन्न प्रखंडों के कुल 37 आंगनबाड़ी केंद्रों पर इस दौरान 02 हजार 147 बच्चों के स्क्रीनिंग कुल 05 हजार 716 बच्चों के स्क्रीनिंग किये जाने की जानकारी उन्होंने दी।

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