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बारिश के दिनों में चिकनपॉक्स के संक्रमण का खतरा अत्यधिक, लिहाज़ा बचाव को लेकर सतर्कता जरूरी

पूर्णिया(न्यूज क्राइम 24): उमस भरी गर्मी और बारिश के मौसम में संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा होता है। लिहाजा इससे बचाव को लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के द्वारा गाइड लाइन जारी की गयी है। जिसमें चिकनपॉक्स बेहद संक्रामक बीमारी बताया गया है। यह एक वायरल बीमारी है। जिसके कारण शरीर में फफोले (दाने की तरह) दिखते हैं। शुरू के दिनों में चेहरे एवं छाती पर दाने दिखते हैं। फिर पूरे शरीर में धीरे-धीरे फैल जाता है। शरीर में पड़ने वाला दाना द्रव से भरे होते हैं। जिस कारण खुजली की समस्या अत्यधिक होती है। चेचक का टीका नहीं लगाने वाले को विशेष रूप से प्रभावित करता है। अमूमन यह जानलेवा नहीं है। लेकिन स्वास्थ्य से संबंधित जटिलताएं पैदा करने में सक्षम होता है।

उमस भरी गर्मी से बचाव के लिए शुद्ध पेय पदार्थों का अधिक से अधिक सेवन करें: सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि कुछ दिनों से लगातार कभी धूप तो क़भी बारिश होने के कारण तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है। गर्मी बढ़ने से लोगों को पंखों में भी राहत नहीं मिल रही है। जिस कारण लोगों का पसीना नहीं सूख रहा है। लोग गर्मी से बचाव के लिए घरों में रहने को मजबूर हो रहे है। गलियों और मुख्य मार्गों से लेकर हाइवे तक लोगों की आवाजाही कम दिखने लगी है। घरों से बाहर निकलने से लोग कतरा रहे है। साथ हीं जरूरी काम होने पर ही घरों से बाहर निकल रहे हैं। दोपहर के बाद उमस भरी गर्मी कम होने के बाद लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं। गर्मी लगने पर तेज बुखार के साथ ही डायरिया होने की आशंका बढ़ जाती है। गर्मी से बचाव के लिए शुद्ध पेय पदार्थों का अधिक से अधिक सेवन करने के अलावा हरी सब्जी और ताजे फलों का सेवन करने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि गर्मी में पूरी आस्तीन के कपड़े पहन और सिर ढक कर ही घर से बाहर निकलना चाहिए। ताकि किसी भी बीमारी से अपने आपको बचाया जा सके।

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नवजात शिशुओं, गर्भवती महिलाओं के अलावा बुजुर्गों को सबसे अधिक चिकनपॉक्स का ख़तरा: एसीएमओ

अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजेंद्र प्रसाद मंडल ने बताया कि वैसे तो चिकनपॉक्स सभी तरह की आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। लेकिन नवजात शिशुओं एवं शारीरिक रूप से कमजोर  लोगों के साथ ही गर्भवती महिलाएं एवं बुजुर्ग लोगों को संक्रमण का खतरा अत्यधिक होता है। उन्होंने बताया कि चिकन पॉक्स का इलाज आसानी से संभव है। लेकिन इसके लिए  चिकित्सकीय परामर्श भी जरूरी है। चिकनपॉक्स से जुड़ी हुई किसी भी तरह की समस्या आने की स्थिति में अपने  नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करना जरूरी होता है। साथ ही संबंधित एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं के भी संपर्क में रहना जरूरी होता है। ताकि समय पर प्रभावित व्यक्ति तक आवश्यकता अनुसार स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उपलब्ध करायी जा सके।

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