यूपी, न्यूज क्राइम 24। आज इस छोटी बच्ची जो राखी के लिए अपने पापा ओर मम्मी के साथ मेट्रो से जा रही थी ,बच्ची अपने पिता के साथ दरवाजे के दाई ओर खडी थी ,मेट्रो का स्टाप आते ही दरवाजा खुला ओर यात्री उतरने लगे दरवाजे के एक तरफ कोने में बच्चे ने दाई और कोने मे हाथ घुसा दिया जो के दरवाजी के अंदर बुरी तरह फंस गया ,मेट्रो के स्टाफ द्वारा भी कुछ नहीं हो पा रहा था ,ऐसे में 10 मिनट निकल गये,हलचल होता देख मैं वहां पहुँच गई जैसे की मैं भी फरीदाबाद से भाई को राखी बांध कर गाजियाबाद आ रही थी
ऐसे में मैने बच्चे का दरवाजे के दाई ओर कोने में बच्चे का फंसा हाथ देख आपातकालिन का बटन दबाया ,क्यूँकी वहां कर्मचारी पहुच गये ओर वे भी कुछ नहीं कर पा रहे थे ,ऐसे में मैने सबके बीच सुझाव रखा की सब भीड मेट्रो का दरवाजा अपनी ओर खिंचे ,मेट्रो के कर्मचारियो ने इसका विरोध किया पर मैं नहीं मानी ओर सब भीड में पुरूषो ने मेट्रो का दरवाजा अपनी ओर बाहर की ओर खिंचने लगे ,ओर मैने बच्चे की बाजू पकड़ बच्चे का हाथ खिंचा ओर बच्चे का हाथ मेट्रो के अन्दर से निकालने में हम सफल रहे,ऐसे में बच्चे के सिधे हाथ की नसें बुरी तरह मेट्रो मे दब गई
मैने किसी अन्य की गर्म पट्टी उतार बच्चे का हाथ बांध दिया, आज बहुत गर्व हो रहा हैं | मुझे यह काम करते हुये केवल यह ध्यान था की किसी भी तरह बच्चे का हाथ सकुशल मेट्रो से निकल जाये,वरना बच्चे का हाथ आज मेट्रो के दरवाजे मे पिस जाता और बचता नहीं,हाथ कट भी सकता था |ऐसे में सचेत रहे,ओर याद रखे की मशीनो को हम इंसानो ने बनाया हैं ,मशीनो ने हमे नहीं |यह हादसा कश्मीरी गेट मेट्रो से शहीद स्थल मेट्रो के बिच हुआ शैली,संस्थापक महिला प्रशिक्षण संस्थान