फुलवारीशरीफ, अजित। राजधानी पटना के रामकृष्ण नगर थाना क्षेत्र में 7 नवम्बर को हुई दस लाख रुपये की बड़ी लूटकांड की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. इस वारदात में शामिल हाजीपुर के दो अपराधियों—विक्की और जितेंद्र—को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दो अन्य अपराधी अभी फरार हैं. पुलिस ने गिरफ्तार अपराधियों की निशानदेही पर लूट का बैग भी बरामद कर लिया है. थाना अध्यक्ष और डीएसपी सदर-2 रंजन कुमार के अनुसार फरार बदमाशों की पहचान कर ली गई है और उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी जारी है।
पुलिस के मुताबिक, लूट को अंजाम देने के लिए चारों अपराधी मोटरसाइकिल पर सवार होकर हाजीपुर से पटना आए थे. योजना के तहत जीरो माइल के पास उन्होंने फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी से पिस्टल की नोक पर दस लाख रुपये लूटे और विरोध करने पर गोली मार दी. वारदात के बाद चारों अपराधी रुपये से भरा बैग लेकर सीधे हाजीपुर लौट गए और आपस में रकम बाँटने की तैयारी कर रहे थे।
भारत फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी अविनाश दस लाख रुपये लेकर जीरो माइल स्थित बैंक में जमा करने जा रहे थे. यूनियन बैंक के नीचे पहुंचते ही मोटरसाइकिल सवार अपराधियों ने उन पर हमला किया और रुपयों से भरा बैग छीनने की कोशिश की. अविनाश ने विरोध किया तो एक लुटेरे ने पिस्टल से गोली चला दी. गोली उनके बांह में लगी. घायल अवस्था में उन्हें मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ उनकी स्थिति फिलहाल खतरे से बाहर है।
घटना की जानकारी मिलते ही सिटी एसपी (पूर्वी), डीएसपी सदर-2 रंजन कुमार सिंह और रामकृष्ण नगर थाना पुलिस मौके पर पहुँची. पुलिस ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली. फुटेज में हेलमेट पहने बाइक सवार दो अपराधी स्पष्ट रूप से नजर आ रहे थे।
वैज्ञानिक अनुसंधान, मोबाइल लोकेशन और सीसीटीवी के आधार पर पुलिस ने हाजीपुर में छापेमारी कर विक्की और जितेंद्र को गिरफ्तार किया. पूछताछ में दोनों ने लूट की वारदात में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है और फरार दो साथियों के नाम भी बताए हैं। डीएसपी सदर-2 ने बताया कि गिरफ्तार अपराधियों ने खुलासा किया है कि चारों ने मिलकर लूट की योजना बनाई थी. पुलिस ने लूट में इस्तेमाल बैग को बरामद कर लिया है. फरार दो बदमाशों की गिरफ्तारी जल्द की जाएगी।
