बिहार

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान : ग्रामीण क्षेत्र के ज्यादा गर्भवती महिला एपीएचसी, रानीपतरा में करा रही एएनसी जांच

पूर्णिया, (न्यूज़ क्राइम 24) गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर माह के 09 और 21 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान चलाया जाता है। इस दौरान क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच करते हुए उनके और होने वाले बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी लेते हुए गर्भवती महिलाओं को मेडिकल सहायता उपलब्ध कराई जाती है। सरकारी अवकाश के कारण अभियान अगले दिन क्रियान्वित करना सुनिश्चित किया जाता है। सोमवार को जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) व्यवस्था सुनिश्चित कराया गया।

पूर्णिया पूर्व प्रखंड के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, रानीपतरा में ग्रामीण क्षेत्र के ज्यादातर गर्भवती महिलाओं द्वारा इसका लाभ उठाते हुए अपने प्रसव पूर्व जांच करवाते हुए चिकित्सकीय सहायता लिया गया। रजीगंज फासिया गांव की आशा शांति कुमारी ने कहा कि रानीपतरा अस्पताल में गर्भवती महिलाओं की जांच के लिए सभी सुविधा उपलब्ध है। यहां आसानी से जांच और इलाज के बाद दवाई उपलब्ध हो जाता है। इसलिए ज्यादातर महिलाएं यहां अपने गर्भावस्था की सभी जांच करवाना चाहती है। उन्होंने बताया कि मेरे क्षेत्र की एक महिला की शादी दूसरे गांव में हुई है जहां से अस्पताल दूर है।

इसलिए उनके ससुराल वालों ने आठ महीने के गर्भावस्था के दौरान उनकी कोई जांच नहीं कराई है। कुछ दिन पहले मायके आने पर उनके परिजनों ने इसकी जानकारी हमें लेते हुए उनके प्रसव पूर्व जांच करवाने की अपील की। उसके परिजन प्रसव के दौरान अपनी बेटी और उनके होने वाले बच्चे को सुरक्षित देखना चाहते हैं। परिजनों के सहयोग से आज अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उनकी जांच करवाते हुए उन्हें दवाई उपलब्ध कराई गई। जांच के दौरान महिला चिकित्सक डॉ नुरसत प्रवीण द्वारा गर्भवती महिला को समय समय पर दवाई लेने और किसी भी तरह की समस्या होने पर आशा के सहयोग से अस्पताल आने की जानकारी दी। गर्भवती महिला के साथ ही उनके परिजन भी खुश हुए कि उनकी पुत्री और होने वाला बच्चा ठीक है।

औसतन 70-80 महिलाओं द्वाराy एपीएचसी में कराया जाता है प्रसव पूर्व जांच :

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पूर्णिया पूर्व प्रखंड के बीएचएम विभव कुमार ने बताया कि अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (एपीएचसी) में गर्भवती महिलाओं के जांच और इलाज के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध है। यहां चिकित्सकों द्वारा गर्भवती महिलाओं के सभी तरह की जांच करते हुए आवश्यक मेडिकल सहायता उपलब्ध कराई जाती है। यहां उपलब्ध सुविधाओं से ज्यादा महिलाओं को लाभ मिल रहा है जिसके कारण यहां प्रसव पूर्व जांच करवाने में लोगों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। एपीएचसी रानीपतरा में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के दौरान औसतन 70-80 गर्भवती महिलाओं की जांच होती है। इस दौरान औसतन 7-8 गर्भवती महिला उच्च जोखिम स्थिति में पाया जाता है।

उन्होंने बताया कि सभी अस्पतालों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं की चार बार प्रसव पूर्व जांच सुनिश्चित किया जाता है। लेकिन उच्च जोखिम वाले गर्भवती महिलाओं की आठ प्रसव पूर्व जांच सुनिश्चित किया जाता है। इससे गर्भवती महिलाओं और होने वाले बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए उन्हें मेडिकल सहायता के साथ आवश्यक परामर्श उपलब्ध कराया जाता है। परिस्थिति के अनुसार उच्च जोखिम वाले गर्भवती महिलाओं को विशेष जांच के लिए राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (जीएमसीएच) रेफर किया जाता है जिससे कि उन्हें बेहतर चिकित्सा मिल सके और माँ और बच्चे बिल्कुल स्वास्थ रह सकें।

जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में हर माह होता है प्रसव पूर्व जांच :

सिविल सर्जन डॉ ओ पी साहा ने बताया कि प्रसव पूर्व जांच का मुख्य उद्देश्य मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है। इसके लिए प्रसव पूर्व जांच जिसे चिकित्सकीय भाषा में एंटी नेटल केयर (एएनसी) जांच कहते हैं सुरक्षित प्रसव के लिहाज से बेहद जरूरी है। यह जच्चा व बच्चा दोनों के सेहत एवं सुरक्षित को सुनिश्चित करता है। एएनसी जांच में मुख्य रूप से गर्भवती महिलाओं का वजन, रक्तचाप, रक्तहीनता, मधुमेह एवं एचआईवी जैसी जांच की जाती है। इससे गर्भस्त शिशु की वास्तविक स्थिति और उनके विकास का आंकलन किया जाता है। नियमित जांच करवाने से परिस्थितियों के अनुसार गर्भवती महिला को आवश्यक चिकित्सकीय सहायता प्रदान की जाती है जिससे कि माँ और होने वाले बच्चे बिल्कुल स्वस्थ और सुरक्षित रहते हैं। जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में हर महीने के 09 और 21 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान चलाया जाता है जिसके तहत सभी गर्भवती महिलाओं की जांच करते हुए उन्हें चिकित्सकीय सहायता प्रदान की जाती है।

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