अररिया, रंजीत ठाकुर। जिले के भरगामा प्रखंड क्षेत्रों में इन दिनों ग्रामीण बस्तियों में पीने लायक पानी मुहैया करा पाना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। हर गांव में लगे पीएचईडी विभाग के नल-जल योजनाओं का सरकारी जलसंयंत्र से खराब,दूषित और जहरीला पानी आ रहा है। सबसे आश्चर्य तो यह है कि गांव में पीने के पानी की समस्या से जिम्मेदार अब तक अनजान हैं। बता दें कि शंकरपुर पंचायत के वार्ड 07 के अधिकांश ग्रामीणों का कहना है कि विगत कई सप्ताह से यहां लगे जलसंयंत्र के पानी प्लांट से खराब,दूषित और जहरीला पानी आ रहा है,जो बिल्कुल भी पीने योग्य नहीं है। लोगों ने यह भी बताया कि पानी से बदबू आती है और दूसरी ओर पानी पीने से सर्दी जुकाम और पेट की बीमारियां हो रही है।
बता दें कि नल-जल योजना का यह पानी पहले जलसंयंत्र फिल्टर प्लांट में फिल्टर होता है इसके बाद हीं यह पानी टोटीयों के माध्यम से संपूर्ण गांव में सप्लाई होता है। लेकिन फिर भी लोगों का कहना है कि सरकार द्वारा लाखों रुपयों का फिल्टर लगाने के बाद भी आखिर जनता को क्यों इतना गंदा पानी पिलाया जा रहा है।? आखिरकार फिल्टर मेंटेनेंस के नाम पर जो हर साल लाखों का बजट जो आता है वो कहां जाता है? आखिरकार कब तक लोगों को दूषित पानी पीने के लिए मजबूर रहना पड़ेगा।? आखिरकार किस कारण से और क्यों जलसंयंत्र से लौहयुक्त पानी की आपूर्ति हो रही है। ?
आखिरकार लोगों की इस समस्या को देखने वाला कोई क्यों नहीं है।? इधर,हरिपुरकला,विषहरिया,नया भरगामा, धनेश्वरी,वीरनगर पश्चिम,रघुनाथपुर दक्षिण,वीरनगर पूरब,खजुरी,सिरसिया हनुमानगंज,खुटहा बैजनाथपुर, जयनगर,सिमरबनी,शंकरपुर,मनुल्लाहपट्टी,आदि रामपुर,भरगामा,पैकपार,रघुनाथपुर उत्तर, सिरसियाकला, कुसमौल पंचायत के लोगों का भी कहना है कि प्रखंड क्षेत्र में हर घर नल जल योजना पूरी तरह फ्लॉप है। मुख्यमंत्री की हर घर नल का जल योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल आपूर्ति को लेकर जलसंयंत्र के निर्माण में सरकार द्वारा लाखों की राशि खर्च किये जाने के बावजूद ग्रामीणों को इसका समुचित लाभ आज तक नहीं मिल पा रहा है। इसकी सफलता महज कागजों में हीं सिमट कर रह गयी है। वहीं इस संबंध में पीएचईडी विभाग के एसडीओ दिलीप कुमार चौधरी ने बताया कि गंदे पानी की समस्या को अतिशीघ्र सुधारा जाएगा।