पटना(न्यूज क्राइम 24): जिलाधिकारी, पटना डॉ. चंद्रशेखर सिंह द्वारा आज समाहरणालय स्थित अपने कार्यालय-कक्ष में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत द्वितीय अपील में शिकायतों की सुनवाई और निवारण हेतु कार्रवाई किया गया।
डीएम डॉ. सिंह द्वारा आज कुल 13 मामलों की सुनवाई की गई। लोक शिकायत के सात मामलों का निवारण किया गया एवं छः मामलों में अंतरिम आदेश पारित किया गया।
आज की सुनवाई में परिवादी श्री राजेश शर्मा, पिता- श्री गणेश शर्मा, पता-लाल इमली, पटना सिटी, फतुहा, अनुमंडल पटना सिटी द्वारा दायर परिवाद की सुनवाई की गई।
जिलाधिकारी के समक्ष आज की सुनवाई में श्री शर्मा स्वयं उपस्थित थे। इस क्रम में पाया गया कि परिवाद का विषय अस्पष्ट एवं भ्रामक है। अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, पटना सिटी द्वारा भी पूर्व में परिवाद के विषय को स्पष्ट करने के लिए परिवादी श्री शर्मा को अवसर प्रदान किया गया था ताकि समाधान की कार्रवाई की जाए।
परन्तु परिवादी द्वारा इसके लिए कोई प्रयास नहीं किया गया। आज की सुनवाई में भी डीएम डाॅ. सिंह द्वारा परिवादी श्री शर्मा को विषय को स्पष्ट करने के लिए कहा गया ताकि उसपर नियमानुसार निवारण हेतु कार्रवाई की जा सके। परन्तु परिवादी द्वारा विषय को स्पष्ट करने की दिशा में आज भी कोई प्रयास नहीं किया गया बल्कि उन्होंने जिलाधिकारी के समक्ष लोक शिकायत निवारण से असम्बद्ध मामले यथा चेक बाउन्स जैसे मामलों को भ्रामक एवं तर्कहीन ढंग से रखने की कोशिश की।
सुनवाई में उपस्थित लोक प्राधिकार वरीय पुलिस अधीक्षक के द्वारा प्राधिकृत प्रतिनिधि द्वारा जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि परिवादी श्री शर्मा द्वारा श्री पवन कुमार अग्रवाल के आईडी का प्रयोग कर आवेदन दिया गया है। श्री पवन कुमार अग्रवाल आदतन परिवादी हैं। उनके द्वारा लोक शिकायत निवारण में लगातार बिना किसी तथ्य के भ्रामक परिवाद दिया जाता है।
साथ ही उनके आईडी से नाम बदल-बदल कर अन्य नामों यथा श्री राजेश शर्मा, श्री संजय कुमार गुप्ता, श्री राजेश कुमार अग्रवाल एवं अन्य द्वारा भी लगातार आवेदन दिया जाता है, जिससे *लोक शिकायत निवारण तथा जनहित के मामलों में व्यवधान पड़ता है। अभी भी 298 से अधिक आवेदन इनके द्वारा दिया गया है
जिसका एक मात्र उद्देश्य सरकारी कार्यों में बाधा डालना, जनहित के मामलों में व्यवधान उत्पन्न करना तथा आम लोगों का भयादोहन करना है। डीएम डाॅ. सिंह ने कहा कि यह एक आपराधिक कृत्य है। यह लोक शिकायत निवारण के उद्देश्यों पर विपरीत प्रभाव डालने की एक सोची-समझी रणनीति प्रतीत हो रही है।
आम लोगों का भयादोहन करने, जनहित के मामलों में व्यवधान उत्पन्न करने तथा सरकारी कार्यों में बाधा डालने वालों के विरुद्ध जनहित के दृष्टिकोण से कार्रवाई करना आवश्यक है। अतः उन्होंने सुनवाई में उपस्थित पुलिस पदाधिकारी को श्री राजेश शर्मा एवं अन्य सभी आरोपी के विरूद्ध जाँच कर सुसंगत धाराओं के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज करने का निदेश दिया।
डीएम डॉ सिंह ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। जनता की शिकायतों के ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण निवारण के लिए सभी कार्रवाई की जाती है। इसके लिए लोक प्राधिकारों को संवेदनशीलता एवं तत्परता प्रदर्शित करने का निदेश दिया गया है।