बिहार

एनक्यूएएस कार्यक्रम : केंद्रीय टीम ने लिया 03 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर रतनी, सुखासन और जमीरा का जायजा

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कटिहार, (न्यूज़ क्राइम 24) राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) के तहत स्वास्थ्य केंद्रों में मरीज के लिए उपलब्ध सुविधाओं की जांच और मूल्यांकन करने के लिए दो सदस्यीय केंद्र स्तरीय टीम द्वारा जिले के 03 प्रखंड में संचालित 03 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों का निरक्षण किया गया। इसमें हसनगंज प्रखंड के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर रतनी, बरारी प्रखंड के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर सुखासन और बारसोई प्रखंड के हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर जमीरा का केंद्रीय स्वास्थ्य टीम द्वारा निरक्षण किया गया। इस दौरान स्वास्थ्य केंद्रों के विभिन्न विभागों में मरीजों के लिए उपलब्ध व्यवस्था की जांच करते हुए मरीजों को मिल रही सुविधाओं का मूल्यांकन किया गया। एनक्यूएएस मूल्यांकन के लिए अस्पताल का निरक्षण कर रहे 02 सदस्यीय टीम में एक्सटर्नल एस्सेसोर के रूप में डॉ मनीष अग्रवाल और डॉ बिन्देश शुक्ला द्वारा 17 नवंबर से 19 नवंबर तक संबंधित सभी अस्पतालों का मूल्यांकन किया गया।

अस्पताल में उपलब्ध 6 विभागों की ली गई जानकारी :

केंद्र स्तरीय टीम द्वारा सभी प्रखंड के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में मरीजों के इलाज सुविधाओं का मूल्यांकन करने के साथ साथ अस्पताल में मरीजों के लिए उपलब्ध व्यवस्था की जानकारी प्राप्त की गई। केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के डॉ मनीष अग्रवाल ने बताया कि केंद्र स्तरीय एनक्यूएएस प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में 06 प्रकार की सुविधाओं का होना आवश्यक है। इसमें ओपीडी और आईपीडी, गैर संचारी रोग नियंत्रण सुविधा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम में शामिल कालाजार, फाइलेरिया, टीबी आदि रोग नियंत्रण की व्यवस्था शामिल हैं। केंद्रीय टीम द्वारा सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में उपलब्ध इन सभी सुविधाओं का मूल्यांकन करते हुए मरीजों को मिल रही व्यवस्था का आंकलन किया गया। इसके साथ साथ अस्पताल में उपलब्ध मरीजों से अस्पताल में मिलने वाले सुविधाओं की जानकारी ली गई। इसके आधार पर अस्पताल में मरीजों को मिल रही सुख सुविधाओं को राज्य स्वास्थ्य समिति में रिपोर्ट किया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर अस्पताल को अंक प्रदान किया जायेगा।

70 प्रतिशत से अधिक अंक मिलने पर मिलेगा एनक्यूएएस प्रमाणपत्र :

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डीपीएम स्वास्थ्य डॉ किशलय कुमार ने बताया कि एनक्यूएएस के तहत दो प्रकार के प्रमाणन की व्यवस्था है। पहला राज्य प्रमाणन होता है जिसके तहत राज्य की टीम द्वारा मूल्यांकन किया जाता है और जब स्वास्थ्य केन्द्र को राज्य द्वारा प्रमाणपत्र जारी कर दिया जाता है उसके बाद वह दूसरे स्तर पर केंद्र स्तरीय प्रमाणन के पात्र बन सकता है। एनक्यूएएस प्रमाणिकरण के लिए स्वास्थ्य केन्द्र में वह सभी व्यवस्था उपलब्ध होनी चाहिए जो उस स्तर के अस्पताल के लिए आवश्यक है। उन सभी विभागों के मूल्यांकन के बाद उसे मूल्यांकन टीम द्वारा अंक प्रदान किया जाता है। अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर 70 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने पर अस्पताल को एनक्यूएएस प्रमाणपत्र जारी किया जाता है। उन्होंने बताया कि चिन्हित सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में सभी व्यवस्था उपलब्ध है जिससे कि उसे एनक्यूएएस प्रमाणपत्र मिल सकता है।

सभी 03 अस्पतालों में एनक्यूएएस प्रमाणपत्र के लिए आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध है : सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह ने कहा कि एनक्यूएएस के तहत दो प्रकार के प्रमाणन की व्यवस्था है। पहला राज्य प्रमाणन होता है जिसके तहत राज्य की टीम द्वारा मूल्यांकन किया जाता है और जब स्वास्थ्य केन्द्र को राज्य द्वारा प्रमाणपत्र जारी कर दिया जाता है उसके बाद वह दूसरे स्तर पर केंद्र स्तरीय राष्ट्रीय प्रमाणन के पात्र बन सकता है। एनक्यूएएस प्रमाणिकरण के लिए स्वास्थ्य केन्द्र में वह सभी व्यवस्था उपलब्ध होनी चाहिए जो उस स्तर के अस्पताल के लिए आवश्यक है। उन सभी विभागों के मूल्यांकन के बाद उसे मूल्यांकन टीम द्वारा अंक प्रदान किया जाता है। अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर 70 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने पर अस्पताल को एनक्यूएएस प्रमाणपत्र जारी किया जाता है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय टीम द्वारा मूल्यांकन के लिए तैयार सभी 03 अस्पतालों में एनक्यूएएस प्रमाणपत्र के लिए आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध है जिससे स्थानीय लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सहायता उपलब्ध कराते हुए स्वास्थ्य और सुरक्षित किया जाता है।

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