नई दिल्ली: भारत सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक अब हर साल 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया है. इसकी जानकारी संस्कृति मंत्रालय ने दी है. बतादें की नेताजी की 125वीं जयंती को केंद्र सरकार ने अब और भी ज्यादा भव्य तरीके से मनाने का फैसला किया है. इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि इसे लेकर गठित उच्च स्तरीय कमेटी की अगुआई खुद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं.
संस्कृति मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है, ‘नेताजी की अदम्य भावना और राष्ट्र के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा और सम्मान को याद रखने के लिए, भारत सरकार ने देशवासियों, विशेष रूप से युवाओं को प्रेरित करने के लिए उनके 23 जनवरी को आने वाले जन्मदिवस को हर साल पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है. नेताजी ने विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए देशवासियों में देशभक्ति की भावना जगाई.
85 सदस्यों वाली इस कमेटी में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों के साथ पक्ष-विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं और नेताजी के परिवार के सदस्यों को भी शामिल किया गया है। नेताजी से जुड़े कार्यक्रमों की शुरुआत 23 जनवरी को उनकी जयंती से होगी। कार्यक्रमों का आयोजन सालभर किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के 125वें जयंती समारोहों की शुरुआत 23 जनवरी को कोलकाता के ऐतिहासिक विक्टोरिया मेमोरियल हॉल से करेंगे।