बिहार

निष्ठा एवं उत्साह के साथ के साथ मनाई गई नेताजी की 126वीं जयंती

पटनासिटी(न्यूज क्राइम 24): आज़ाद हिंद फ़ौज़ का गठन कर ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध विद्रोह की चिंगारी पैदा करनेवाले क्रांतिकारी नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 126वीं जयंती समारोह का आयोजन स्थानीय गाँधी सरोवर स्थित त्रिमूर्ति चौक पर किया गया।

कार्यक्रम का आयोजन शहीद स्मारक न्यास , टू०यू०सी०सी० एवं साम्प्रदायिकप सद्भाव समन्वय समिति के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि पटना सदर के ब्लाक प्रमुख अमरजीत कुमार, वरीय समाजसेवी डॉ० सुरेंद्र प्रभाकर,कॉ०नसीम अंसारी,टीयूसीसी के प्रदेश महामंत्री अनिल शर्मा, कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ० एक़बाल अहमद तथा स्थल पर मौजूद अतिथियों तथा आयोजक संस्थाओं के पदाधिकारियों द्वारा नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि के साथ हुआ।

कार्यक्रम में उपस्थित देशभक्तों ने आज़ाद हिंद के प्रेरक गीत “क़दम ,क़दम बढ़ाए जा खुशी के गीत गाए जा….” के सस्वर गान कर समां बांध दी।मुख्य अतिथि के रुप में बोलते हुए पटना सदर के ब्लाक प्रमुख अमरजीत कुमार ने कहा कि 23 जनवरी 1897 को कटक में अपने जन्म एवं 18अगस्त1945 को ताइपेह स्थित ताइहोकू में हवाई दुर्घटना तक नेताजी सुभाषचंद्र बोस का जीवन सदियों तक हिंदुस्तानियों को प्रेरित और रोमांचित करता रहेगा।

ट्रेड यूनियन को-आर्डिनेशन सेंटर(टीयूसीसी) के प्रदेश महामंत्री अनिल शर्मा ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए नेताजी के उस विचार से उपस्थित श्रोताओं को अवगत कराया कि केवल त्याग और संघर्ष द्वारा राष्ट्र के उत्थान की बुनियाद डाली जा सकती है।

इस अवसर पर बोलते हुए सुप्रसिद्ध समाजसेवी तथा किसान नेता डॉ०सुरेंद्र प्रभाकर,वरीय समाजसेवी हरिहर प्रसाद सिन्हा एवं कॉ० नसीम अंसारी आदि ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए तथा कहा कि सुभाषचंद्र बोस की लोकप्रियता एवं महानता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गांधीजी के विरोध के बावजूद लगातार दो वर्ष क्रमशः1938 के हरिपुरा एवं 1939 के त्रिपुरी कांग्रेस महाधिवेशन में वे अध्यक्ष चुने गए।

अपने अध्यक्षीय संबोधन में वरीय समाजसेवी डॉ०एक़बाल अहमद ने कहा कि नेताजी में न केवल बड़े स्कॉलर थे बल्कि पूरे मुल्क को आंदोलित करने की उनमें जबरदस्त काबिलियत भी थी। उन्होंने आगे कहा कि यह यूँ ही नहीं था कि लार्ड माउंटबेटन ने यह स्वीकार किया था कि आज़ाद हिंद फ़ौज़ की आक्रामकता एवं मुंबई का नौसेना विद्रोह ने ब्रिटिश शासन को हिला कर रख दिया।

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सभा में 90-वर्षीय बुजुर्ग समाजसेवी बृजानंद मेहता ,85- वर्षीय डॉ० सी०पी० सिन्हा तथा 75 -वर्षीय कॉ० बलिराम विश्वकर्मा को उनके विशेष सामाजिक योगदान के लिए गुलदस्ता, दुपट्टा एवं स्मृति- चिन्ह आदि भेंट सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर कॉ०शंभू मेहता ,इंदु अग्रवाल, गौरीशंकर केसरी, कॉ०मिथिलेश सिंह, शैलेंद्र कुमार मुन्ना, साबिर अली, कॉ०अनंत शर्मा ,कॉ०ललन प्रसाद, राजकुमार नौगरैया, संजय चौदहा, मुनेश शर्मा मुन्ना, रघुनाथ प्रसाद, विकास कुमार टिंकू, राजीव साहा, नैयर अंजुम ,मोनित राज,हर्षा हिंदुस्तानी, रामबाबू प्रसाद, मो० शमीम अख़्तर ,महेंद्र प्रसाद, योगेंद्र कुमार ओम, ओमप्रकाश प्रियदर्शी,राजीव कुमार, मो०अख्तर अली ,श्याम बाबू सिंह, ओंकार पंडित आदि उपस्थित थे।

लोगों में नेताजी के बारे में रूचि पैदा करने हेतु उनके जीवन और उपलब्धियों पर आधारित प्रश्न मंच का भी आयोजन किया गया जिसमें सही उत्तर देनेवाले विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।

सभा में यह संकल्प भी लिया गया कि नेताजी के विचारों एवं उनसे जुड़े मुद्दे ख़ासकर गांधीजी और नेताजी के संबंधों पर आधारित परिचर्चा का शीघ्र ही आयोजन किया जाएगा जिससे लोकमानस में उन दोनों के विचारों से संबंधित विभ्रम और संशय दूर हो। कार्यक्रम का संचालन शहीद स्मारक न्यास के महासचिव विजय कुमार सिंह ने तथा धन्यवाद ज्ञापन वरीय समाजसेवी अवधेश कुमार सिन्हा ने किया।

कार्यक्रम के समापन पर उपस्थित देशभक्तों ने ‘नेताजी अमर रहे ‘,जय हिंद तथा आज़ाद हिंद फ़ौज़ के बहुचर्चित “इत्तेफ़ाक़,इत्तेमाद और क़ुर्बानी” के नारे लगाए।

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