बिहार

वामपंथी-समाजवादी नेता बिन्देश्वरी सिंह ने भाकपा-माले का दामन थामा

पटना, (न्यूज़ क्राइम 24) बिहार की वामपंथी राजनीति में लगभग 40 वर्षों की सक्रियता और 2000 के बाद जदयू के साथ जुड़कर काम करने वाले श्री बिन्देश्वरी सिंह ने आज अपनी वामपंथी संघर्षशीलता को कायम रखने के लिए भाकपा-माले का दामन थाम लिया. आज प्रदेश कार्यालय में राज्य सचिव कुणाल, पोलित ब्यूरो सदस्य का. अमर व किसान महासभा के राज्य सचिव का. उमेश सिंह के समक्ष वे माले में शामिल हुए.

इस मौके पर बिन्देश्वरी सिंह ने कहा कि वे भाजपा जैसी प्रतिक्रियावादी – सांप्रदायिक दलों के साथ जदयू के गठबंधन के लगातार विरोधी रहे हैं. जदयू के अंदर वे लगातार इसके विरोध में आवाज उठाते रहे हैं. नीतीश कुमार ने लोहियावाद से पूरी तरह विश्वासघात किया है और आज उसे आत्मघाती स्तर तक पहुंचा दिया है. डॉ. लोहिया के सप्तक्रांति के विरूद्ध वे सांप्रदायिक ताकतों को मजबूत बनाते रहे. इसने बिहार में सामाजिक समरसता को कमजोर किया है.

Advertisements
Ad 2
Advertisements
Ad 1

माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि का. बिन्देश्वरी सिंह 1961 से वामपंथ की राजनीति से जुड़े रहे हैं. सीपीआई के बंटवारे के बाद वे सीपीएम में चले आए और एसएफआई की राजनीति शुरू की. सोवियत रूस सहित कई देशों की यात्रा की. सीपीएम के युवा संगठन डीवाईएफआई के संगठन निर्माण मेें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने पटना जिले में खेत मजदूरों व किसानों के कई सफल संघर्षों का नेतृत्व किया है. जेपी आंदोलन में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. वे उस आंदोलन की स्टेयरिंग कमिटी के सदस्य थे और कई बार जेल गए. 2000 तक वे सीपीएम में रहे और कई महत्वपूर्ण जिम्मेवारियों को निभाया. जदयू में भी रहते हुए उन्होंने भाजपा व जदयू गठबंधन की लगातार मुखालफत की. माले के साथ उनके जुड़ने से पटना जिला में खेत मजदूरों व किसान समुदाय के आंदोलनों को नई गति मिलेगी.

Related posts

तख्त पटना साहिब कमेटी ने डॉ मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की

परिवार नियोजन के दौरान महिला बंध्याकरण सुविधा उपलब्ध कराने में राज्य में चौथे स्थान पर रहा पूर्णिया

बीपीएससी प्रदर्शनकारी छात्रों पर लाठी चार्ज के विरोध में फुलवारी में प्रदर्शन