पटना, (न्यूज़ क्राइम 24) दधीचि देहदान समिति का संकल्प सह सम्मान समारोह व राज्यस्तरीय सम्मेलन में बिहार राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने नेत्रदान-देहदान की मुहिम से समाज के हर व्यक्ति को जोड़ने के लिए व्यापक अभियान चलाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि मृत्यु के बाद हमारे नश्वर शरीर से किसी की जिंदगी में चमक जाए तो पीड़ित मानवता के लिए यह सबसे बड़ी सेवा है। राज्यपाल रविवार को चैंबर ऑफ कॉमर्स में दधीचि देहदान समिति के संकल्प सह सम्मान समारोह और पंचम राज्यस्तरीय सम्मेलन का विधिवत उद्घाटन कर लोगों को संबोधित कर रहे थे।
मौके पर राज्यपाल ने देहदान करने वालों के परिजनों और कोरोना काल में 758 अनाथ बच्चों को पालने का बीड़ा उठाने वाले 158 परिवारों को सम्मानित किया। उन्होंने समाजसेवी पवन केजरीवाल की पुस्तक का भी विमोचन किया।
समारोह के विशिष्ट अतिथि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि समिति की प्रेरणा से राज्य के तीन हजार थैलीसीमिया पीड़ित बच्चों के मुफ्त इलाज का मार्ग प्रशस्त हुआ है। समारोह की अध्यक्षता कर रहे सिक्किम के पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद ने लोगों से अपील की कि वे मृत्यु को जीवन का अंत न समझें। नेत्रदान व देहदान से निधन के बाद भी आपकी आंखें देख सकती हैं और दिल धड़क सकता है।
महासचिव पद्मश्री विमल जैन ने समिति की अबतक की उपलब्धियों का जिक्र किया और जागरूकता फैलाने के लिए हर मेडिकल कॉलेज में एक काउंसिलर की नियुक्ति की स्वास्थ्य मंत्री से मांग की।
भाजपा विधायक डॉ. संजीव चौरसिया ने मृत्यु के बाद दूसरी पारी खेलने के लिए लोगों से अंगदान का अनुरोध किया।
समारोह में ‘बस इतनी सी है आदमी की औकात’ शीर्षक पर आधारित वृत्त चित्र भी दिखाया गया। लोगों को नेत्रदान और देहदान का सामूहिक संकल्प भी दिलाया गया। राज्यपाल समेत सभी वक्ताओं ने दधीचि देहदान समिति को इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए स्व. सुशील मोदी के प्रयासों की सराहना की।
इस अवसर पर स्व. सुशील मोदी की पत्नी जेसी मोदी, सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप चौरसिया,अरुण सत्यमूर्ति, गुरु रहमान, संजीव यादव, डॉ. मनोज संडवार, शैलेश महाजन, आनंद प्रधान, सुनील पूर्वे, मुकेश हिसारिया, विनीता मिश्रा, गोविंद कनोडिया,बिनोद कुमार, के अलावा समिति से जुड़े सभी प्रमुख लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन पूर्व अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एसडी संजय ने और धन्यवाद ज्ञापन समिति के उपाध्यक्ष डॉ. सुभाष प्रसाद ने किया।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में आयोजित कार्यशाला में डॉ. मनीष मंडल, डॉ. अविनाश कुमार, डॉ. रश्मि प्रसाद, डॉ ओम कुमार समेत चिकित्सकों की टोली ने अंगदान को लेकर लोगों के बीच फैली भ्रांतियों को दूर किया। व्यस्तता की वजह से समारोह के मुख्य अतिथि असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य नहीं आ सके। पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद ने उनका संदेश पढ़कर सुनाया।