बिहार

बिहार के स्वर्णिम इतिहास पर पर्दा डालना चाहते हैं जदयू नेता : प्रभाकर मिश्र

पटना सिटी, न्यूज क्राइम 24। भाजपा के  प्रदेश प्रवक्ता  प्रभाकर कुमार मिश्र ने जदयू की ओर से दिये उस बयान पर गहरी आपत्ति जतायी है, जिसमें कहा गया है कि जी-20 के मंच पर प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय को मजाक का विषय बना दिया गया।

श्री मिश्र ने जदयू नेताओं के इस बयान पर ऐतराज जताते हुए कहा, जिसे मान और अपमान में अंतर नहीं दिखता, वैसे लोगों को किसी से अक्ल उधार मांग लेना चाहिए। कोई नहीं, तो भाजपा के नेताओं से ही सीखनी चाहिए। श्री मिश्र ने बुधवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन के मौके पर मेहमानों के लिए आयोजित रात्रिभोज के स्थल पर विशेष रूप से प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की तस्वीर लगायी गयी थी। यह बिहार के लोगों के लिए गौरव का विषय है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जी-20 के मेहमानों को प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की भव्यता के बारे में बताया। बताया कि यहां दुनिया भर से छात्र शिक्षा ग्रहण के लिए आते थे। यहां 10 हजार से अधिक विद्यार्थी और 2700 से अधिक शिक्षक थे।

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जदयू के होनहार नेता और पार्टी प्रवक्ता बताएं कि इसमें कहीं कुछ ग़लत बताया गया क्या? भाजपा प्रवक्ता श्री मिश्र ने कहा कि असल बात यह है कि जब बिहार को कहीं भी मान-सम्मान दिया जाता है, तो जदयू और घमंडिया गठबंधन के नेताओं के पेट में दर्द होने लगता है। क्योंकि घमंडिया गठबंधन के नेताओं ने अपनी करतूतों से बिहार की छवि धूमिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। श्री मिश्र ने कहा कि चापलूसी की भी हद होती है , जदयू के नेताओं के बीच एक व्यक्ति विशेष की चापलूसी करने की होड़ मची है, इसलिए जब भी मौका मिलता है, ये अपने आका की गौरवगाथा गाने लगते है।

श्री मिश्र ने कहा कि जदयू के काबिल नेता यह बताएं कि बिहार की प्राचीन विरासत को नहीं बताकर , पीएम मोदी जी -20 के मेहमानों को वर्तमान बिहार के बारे में बताते। जहां शिक्षकों को अपमानित करने के लिए नित्य नये बहाने ढूंढे जाते हैं। दिनदहाड़े बीच सड़क पर हत्या कर दी जाती है। पैसे लूट लिये जाते हैं। सरकारी कार्यालय दलालों का अड्डा बन चुका है। क्या बिहार की यही हालिया तस्वीर विदेशी मेहमानों को दिखाया जाना चाहिए था।

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