बिहार

हृदय में छेद वाले चार बच्चों को स्क्रीनिंग के लिए भेजा गया पटना

  • बाल हृदय योजना के तहत मिलेगा निःशुल्क चिकित्सा सुविधा का लाभ
  • अहमदाबाद के चिकित्सकों द्वारा पटना में हो रही जांच
  • आवश्यकता होने पर सरकारी खर्चे पर अहमदाबाद में कराया जाएगा ऑपरेशन

पूर्णिया(रंजीत ठाकुर): ऐसे बच्चे जिनके दिल में जन्म से ही छेद हो उसके इलाज को लेकर सरकार द्वारा “बाल हृदय योजना” चलाई जाती है। इस योजना के द्वारा बच्चों को मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इतना ही नहीं जरूरत होने पर उन्हें सरकारी खर्चे पर अहमदाबाद भेजकर ऑपरेशन भी करवाई जाती है। इसके लिए शुक्रवार को पटना में अहमदाबाद के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम द्वारा हृदय में छेद से ग्रसित बच्चों की जांच के लिए शिविर लगाया गया। इस शिविर में जांच के लिए पूर्णिया जिले से भी चार बच्चों को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) टीम द्वारा पटना के इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान भेजा गया है। इन चार बच्चों में मो. आतिफ रजा (01वर्ष 07 माह), मो. आतिफ रजा (01वर्ष 07 माह) श्रीनगर प्रखंड से, अंश रहमान (08 माह) धमदाहा प्रखंड से तथा गौतम कुमार (12 साल) रुपौली प्रखंड से है। श्रीनगर प्रखंड से दोनों बच्चे मो. अमान रजा तथा मो. आतिफ रजा जुड़वा है जो जन्म से ही दिल में छेद की समस्या से ग्रसित हैं। सभी बच्चों को उनके परिजन व आरबीएसके चिकित्सक डॉ. रियाजुद्दीन के साथ पटना भेजा गया है। सभी बच्चों की इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान, पटना में स्क्रीनिंग की गई है।

बाल हृदय योजना के तहत मिलेगा निःशुल्क चिकित्सा सुविधा का लाभ :
आरबीएसके जिला समन्यवक डॉ. आर.पी. सिंह ने बताया बिहार सरकार द्वारा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत “बाल हृदय योजना” चलाई जा रही है। इसके तहत जन्म से ही दिल में छेद वाले बच्चों की सरकार द्वारा इलाज कराई जाती है। इसके लिए जिले से आरबीएसके टीम द्वारा 04 बच्चों की खोज करते हुए उन्हें इलाज के लिए पटना भेजा गया है। पटना के इंदिरा गांधी आयुर्वेदिक संस्थान में अहमदाबाद के सत्य साईं हार्ट अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा बच्चों की स्क्रीनिंग की जाएगी। स्क्रीनिंग के बाद यदि चिकित्सकों को ऑपरेशन की जरूरत महसूस होगी तो बच्चे को सरकारी खर्चे पर अहमदाबाद भेजा जाएगा।

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स्क्रीनिंग से लेकर आने-जाने का खर्च सरकार करती है वहन:

बच्चों में होने वाले जन्मजात रोगों में हृदय में छेद होना एक गंभीर समस्या है। राज्य सरकार के सात निश्चय-2 के तहत हृदय में छेद के साथ जन्मे बच्चों के निःशुल्क उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करने को नई योजना ‘बाल हृदय योजना’ पर 5 जनवरी, 2021 को मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृति दी गई है। योजना 1 अप्रैल,2021 से लागू है। इसके लिए 13 फरवरी, 2020 को बिहार सरकार ने प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाउंडेशन के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया था। प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाऊंडेशन राजकोट एवं अहमदाबाद आधारित एक चैरिटेबल ट्रस्ट अस्पताल है तथा इसके द्वारा बाल हृदय रोगियों की पहचान कर मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। जबकि बच्चों की शुरुआती स्क्रीनिंग से लेकर बच्चों के आने-जाने का खर्च बिहार सरकार वहन करती है।

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