बिहार

फाइलेरिया उन्मूलन अभियान –संभावित मरीजों की खोज के लिये एनबीएस कार्यक्रम का हो रहा सफल संचालन

अररिया, रंजीत ठाकुर। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में प्री ट्रांसमिशन फेज के तहत नाइट ब्लड सर्वे का कार्य सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है। बीते 23 नवंबर से जिले में जारी इस अभियान के तहत अब तक पांच हजार से अधिक लोगों के रक्त नमूनों का संग्रह जरूरी जांच के लिये किया जा चुका है। गौरतलब है कि नाइट ब्लड सर्वे अभियान के लिये जिले में कुल 33 साइट बनाये गये हैं। इसमें अररिया व फारबिसगंज शहरी क्षेत्र में तीन-तीन साइट सहित सभी प्रखंडों में तीन-तीन चिह्नित स्थानों पर साइट का संचालन निर्धारित है। सभी साइट पर कुल 300 लोगों का रक्त नमूना फाइलेरिया संबंधी जांच के लिये संग्रह किया जाना है।

लिहाजा अभियान के क्रम में कुल 9900 लोगों के रक्त नमूनों की जांच की जानी है। अभियान की सफलता में रोगी सहायता समूह के सदस्य महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इतना ही नहीं समूह की मासिक बैठकों में रोग प्रबंधन व इसे नियंत्रण से जुड़े पहलुओं पर विस्तृत चर्चा करते समुदाय स्तर पर फाइलेरिया के प्रति आम लोगों को जागरूक करने में समूह की भूमिका महत्वपूर्ण साबित हो रही हे।
विभिन्न माध्यमों से किया जा रहा लोगों का जागरूक
अभियान की सफलता को लेकर विभिन्न माध्यमों से लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

इसमें संबंधित क्षेत्र की आशा, एएनएम व स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मदद ली जा रही है। रात्रि कालीन जांच में भागीदारी के लिये लोगों को प्रेरित व जागरूक करने में रोगी सहायता समूह के सदस्य अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभा रहे हैं। रानीगंज के हासा में संचालित रोगी सहायता समूह की सदस्य प्रियंका देवी ने बताया कि सत्र आयोजित होने से जहां घर-घर जाकर लोगों को जांच के लिये प्रेरित किया गया। वहीं किसी कारण जांच के लिये राजी नहीं होने वाले लोगों को भी स्थानीय स्वास्थ्य कर्मी व जनप्रतिनिधियों की मदद से समझा बुझाकर जांच के लिये राजी करने में समूह के सदस्यों के सदस्यों की भूमिका महत्वपूर्ण रही है।

जिले में फिलहाल फाइलेरिया के 1476 मरीज –

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जिले में फाइलेरिया के कुल 1476 मरीज हैं। इसमें हाइड्रोसील के 450 व हाथीपांव के 1026 मरीज शामिल हैं। फाइलेरिया मरीजों को सभी जरूरी चिकित्सकीय सुविधाओं का लाभ उपलब्ध कराया जा रहा है। फाइलेरिया क्लीनिक का संचालन इस दिशा में मददगार साबित हो रहा है। फाइलेरिया के नये मरीजों को रोग प्रबंधन तकनीक से अवगत कराते हुए एमएमडीपी किट मुहैया करायी जा रही है। साथ ही हाइड्रोसील मरीजों को सर्जरी की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।

निर्णायक मोड में पहुंच चुका है फाइलेरिया उन्मूलन अभियान –


जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह ने बताया कि जिले में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान निर्णायक दौर में पहुंच चुका है। जिले में पूर्व में संचालित नाइट ब्लड सर्वे अभियान बेहद सफल साबित हुआ। सर्वे के दौरान किसी साइट पर एक प्रतिशत मरीज नहीं मिले। लिहाजा जिला प्री ट्रासंमिशन फेज में पहुंच चुका है। ये उपलब्धि हासिल करने वाला अररिया राज्य के चुनिंदा जिलों में शुमार है। प्री ट्रांसमिशन फेज की सफलता से हम फाइलेरिया उन्मूलन संबंधी लक्ष्य के काफी करीब होंगे।

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