अररिया, रंजीत ठाकुर। विद्या भारती विद्यालय, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, कटहरा, फारबिसगंज के प्रांगण में मंगलवार को विदाई सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। उपस्थित अतिथियों का परिचय मीडिया प्रभारी आचार्य अजय कुमार राय ने कराया। स्थानीय समिति के विद्वान सचिव शिवनारायण दास ” भानु ” ने अपना प्रखर उद्बोधन में कहा यह साँझ-उषा का आँगन, आलिंगन विरह-मिलन का। चिर हास-अश्रुमय आनन, रे इस मानव जीवन का। साथ ही सक्रिय उपाध्यक्ष रामप्रकाश प्रसाद की ओर इशारा करते हुए भानु ने कहा वह पथ क्या, पथ पर चलना क्या । जिस पथ पर बिखरे शूल न हों, नाविक की धैर्य परीक्षा क्या, जिसमें धारा विपरीत न हों। जयशंकर प्रसाद की इन पक्तियों में जिस जज्बे की चर्चा की गई है, पथिक उस पर खरे उतरते हैं। बैंक से सेवानिवृत्ति के बाद लगातार समय समाज सेवा के कार्यों में लगा रहे हैं।
अन्य वक्ताओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि गोपाल कुमार झा एक कुशल, साहसी एवम स्वाबलम्बी प्रधानाचार्य के रूप में कार्यरत रहे है। प्रबंध कारिणी समिति, आचार्य बंधु भगनियों एवं भैया बहनों के बीच सामंजस्य स्थापित करते हुए विद्यालय प्रगति के कार्यों में अपना योगदान देते रहे है जो सबों के लिए एक यादगार बना रहेगा। इस क्रम में आए हुए अतिथियों द्वारा प्रधानाचार्य आलोक कुमार शर्मा को पाग एवम् शॉल देकर अभिनंदन किया गया । इस अवसर पर मातृ संगठन आरएसएस के सह- जिला कार्यवाह देवनंदन शर्मा उर्फ बबलू , उपाध्यक्ष उमानांद साह, सदस्या देवकला देवी, पूर्णियां विभाग के विभाग प्रमुख प्रधानाचार्य आशुतोष कुमार मिश्र , संकुल प्रमुख प्रधनाचार्य अनिल कुमार, स्थापना काल के प्रभारी संतोष राय आदि आचार्य बंधुभगनियों, कर्मचारियों बेहद भावुक माहौल में संपन्न हुआ।
