अररिया, रंजीत ठाकुर जिले में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से दो दिवसीय जिलास्तरीय प्रशिक्षण शुक्रवार को संपन्न हुआ। दो अलग-अलग बैच स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मियों को संबंधित विषय पर विशेषज्ञ स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा जरूरी प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के पहले दिन विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत एएनएम व आशा फैसिलिटेटर ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया। वहीं प्रशिक्षण के दूसरे दिन जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों के मेडिकल ऑफिसर, बीएचएम, बीसीएम व स्टाफ नर्स प्रशिक्षण में शामिल हुए। सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप की अध्यक्षता में आयोजित इस प्रशिक्षण में स्वास्थ्य अधिकारियों व कर्मियों को गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच की सेवा उपलब्ध कराने व मातृ मृत्यु दर पर प्रभावी नियंत्रण संबंधी जरूरी जानकारी दी गयी। कार्यक्रम में डीआईओ सह एसीएमओ डॉ मोईज, डीपीएम स्वास्थ्य संतोष कुमार, डीपीसी राकेश कुमार, यूनिसेफ के एडीसी राकेश शर्मा, पिरामल स्वास्थ्य के पीआई राजीव कुमार, डीसीएम सौरव कुमार सहित अन्य शामिल हुए।
संभावित जटिलताओं का पता लगाना अभियान का उद्देश्य
प्रशिक्षण कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत प्रत्येक माह के 09 तारीख व 21 तारीख को गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य जांच के लिये जिले में विशेष अभियान संचालित किया जाता है। उन्होंने बताया कि गर्भावस्था के दौरान संभावित जटिलताओं का समय पर पता लगाना अभियान का मुख्य उद्देश्य है। ताकि इसका कुशल प्रबंधन सुनिश्चित किया जा सके। सिविल सर्जन ने कहा कि सही समय पर प्रसव पूर्व जांच व उचित देखभाल से न केवल मातृ मृत्यु दर पर प्रभावी नियंत्रण संभव है। बल्कि नवजात शिशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिये भी यह बेहद जरूरी है। प्रशिक्षण के दौरान हाई रिस्क प्रेग्नेंसी यानी जोखिमयुक्त गर्भधारण की ससमय पहचान पर उन्होंने विशेष जोर दिया।
प्रसव संबंधी जटिल मामलों की विशेष निगरानी जरूरी
डीआईओ सह एसीएमओ डॉ मोईज ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान हाई ब्लड़ प्रेशर, मधुमेह, एनीमिया यानी खून की कमी, अत्यधिक वजन व अत्यधिक कमजोरी जैसी स्थिति वाले गर्भावस्था से जुड़े मामलों में विशेष निगरानी की जरूरत होती है। गर्भवती महिलाओं को बेहतर चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराना सभी स्वास्थ्य कर्मियों की प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कि पीएमएसएमए अभियान के क्रम में गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच व उचित देखभाल से मातृ व शिशु मृत्यु दर को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
मातृत्व स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार का हो रहा निरंतर प्रयास
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम संतोष कुमार ने कहा कि पीएमएसएमए अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की समुचित जांच के लिये महीने में दो बार जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर विशेष अभियान संचालित किया जाता है। जिला स्वास्थ्य विभाग मातृत्व स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार को लेकर निरंतर प्रयासरत है। पीएमएसएमए अभियान के सफल क्रियान्वयन से जिले में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित मातृत्व सेवाओं का लाभ सहजता पूर्वक उपलब्ध हो सकेगा।